राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में करोड़ों का घपला
हाईकोर्ट ने पूछा-अभियुक्तों को गिरफ्तार किया या नहीं, मांगी प्रगति रिपोर्ट
प्रयागराज, 04 अगस्त । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुंदेलखंड विद्युतीकरण योजना के तहत झांसी जिले के 144 गावों में से 23 गावों के मुआयने में 1600 करोड़ के घपले की वसूली करने व विजिलेंस जांच पूरी करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से प्रगति रिपोर्ट मांगी है। याचिका पर सुनवाई 5 अगस्त को होगी।
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि भारी संख्या में गांवों के लोग विवेचना में शामिल हैं। अब तक क्या तथ्य इकट्ठा किए गए हैं। यदि अभियुक्त जमानत पर नहीं हैं तो क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है। यदि गिरफ्तार नहीं किया गया है तो क्या कारण है।
यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी तथा न्यायमूर्ति अजय त्यागी की खंडपीठ ने परिहरनपुर जालौन के निवासी गिरिजा सिंह की याचिका पर दिया है।
याची अधिवक्ता का कहना है कि मेसर्स आई वी आर सी एल इंफ्रास्ट्रक्चर एण्ड प्रोजेक्ट लि हैदराबाद व बिजली विभाग के अभियंताओं की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का बिना काम किए भुगतान लिया गया है। जिसकी जांच विजिलेंस विभाग कर रहा है। 5 जुलाई 2019 को थाना नवाबाद, झांसी में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
याची का कहना है कि 2005-06 मे राजीव गांधी ग्रामीण विद्युत योजना के तहत 144 गावों के विद्युतीकरण का ठेका हैदराबाद की कम्पनी को दिया गया। 9505 पोल में से 50 फीसदी पैरामीटर के अनुसार नहीं लगाये गये हैं। झांसी के 23 गांवों का मुआयना किया गया, जिसमें 87 फीसदी इलेक्ट्रिक मीटर में बाइक्स फिटिंग नहीं मिली। याचिका में बिजली विभाग के आधे दर्जन अभियंताओं को भी पक्षकार बनाया गया है। याची का कहना है कि विजिलेंस विभाग जांच ठीक से नहीं कर रहा। जांच पूरी करने का निर्देश दिया जाये।