लखनऊ, 20 जून। योगी सरकार ने माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल (10वीं) तथा इण्टरमीडिएट (12वीं) परीक्षा 2021 के परीक्षा परिणाम का फार्मूला रविवार को तय कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद उसे जारी भी कर दिया गया। अब यूपी बोर्ड के 56 लाख से अधिक विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम जल्द ही घोषित हो जाएगा।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने आज यहां बताया कि इण्टरमीडिएट परीक्षाफल हेतु हाईस्कूल के 50 प्रतिशत, कक्षा-11 के वार्षिक-अद्धवार्षिक परीक्षा के 40 प्रतिशत तथा कक्षा-12 के प्री-बोर्ड परिणाम के 10 प्रतिशत अंक जोड़े जाएंगे। वहीं, हाईस्कूल परीक्षाफल के लिए कक्षा-09 के परीक्षाफल का 50 प्रतिशत तथा कक्षा-10 के प्री-बोर्ड परीक्षाफल का 50 प्रतिशत अंक निर्धारित किए गए हैं।
डॉ शर्मा ने बताया कि परीक्षा परिणाम का फार्मूला पारदर्शी प्रक्रिया द्वारा निर्धारित किया गया है। इसको तैयार करने में शिक्षा क्षेत्र से जुडे जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, प्रधानाचार्य परिषद, माध्यमिक शिक्षक संघों, अभिभावक संघों तथा समस्त हित धारकों की राय ली गयी है। साथ ही सामान्य जन व विद्यार्थियों से विशिष्ट ई-मेल आईडी पर मिले सुझाव पर भी विचार किया गया।
उन्होंने बताया कि परीक्षा परिणाम घोषित करने के लिए अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग आराधना शुक्ला की अध्यक्षता गठित कमेटी को प्रदेश भर से 3910 सुझाव मिले थे, जिसके आधार पर परिणाम का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि कमेटी द्वारा तैयार ड्राफ्ट को मुख्यमंत्री योगी से मंजूरी मिलने के बाद जारी कर दिया गया।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि इण्टरमीडिएट के जिस किसी भी परीक्षार्थी (व्यक्तिगत अथवा संस्थागत) के कक्षा-11 की दोनों परीक्षाओं (वार्षिक व अर्धवार्षिक) अथवा कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा तथा हाईस्कूल के जिस किसी भी परीक्षार्थी (व्यक्तिगत अथवा संस्थागत) के कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा एवं कक्षा-10 की प्री-बोर्ड परीक्षा के अंक उपलब्ध नहीं होंगे उन्हें बिना अंको के सामान्य रूप से प्रोन्नत कर दिया जायेगा। किसी परीक्षार्थी वार्षिक, अर्धवार्षिक, प्री-बोर्ड परीक्षा के अधिकतम 03 विषयों तक अंक अप्राप्त होने पर उस परीक्षा के शेष विषयों के प्राप्तांक का औसत उन तीन विषयों में दिया जायेगा। लिखित परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक प्राप्त नहीं होने किन्तु आंतरिक मूल्यांकन प्रयोगात्मक परीक्षा में उत्तीर्ण होने की स्थिति में परीक्षार्थी को बिना अंक के सामान्य प्रोन्नति प्रदान की जायेगी।
उन्होंने आगे बताया कि प्रयोगात्मक विषयों में कक्षा 9, 10, 11 व 12 के उपलब्ध अंकों को बोर्ड की लिखित परीक्षा के निर्धारित अंकों पर स्केल करके प्रयोगात्मक व आंतरिक मूल्यांकन के अंक (जो भी लागू होते हैं) से जोड़ा जायेगा। अन्य बोर्डों के परीक्षार्थियों, जिनके पूर्णांक माध्यमिक शिक्षा परिषद, उप्र प्रयागराज के संगत विषयों से भिन्न हैं, के प्राप्तांक का आगणन माध्यमिक शिक्षा परिषद, उप्र प्रयागराज के पूर्णांक के सापेक्ष स्केल करके किया जायेगा।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2021 की परीक्षा में उत्तीर्ण हुये परीक्षार्थियों की मेरिट सूची नहीं तैयार करायी जायेगी। समस्त वर्ष 2021 के पंजीकृत परीक्षार्थी, जो अंक सुधार हेतु पुनः परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हैं, उन्हें आगामी बोर्ड परीक्षा में शुल्क दिये बिना, अंक सुधार हेतु एक या एक से अधिक, कितने भी विषयो में परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जायेगा तथा उनका परीक्षाफल वर्ष 2021 का ही माना जायेगा।