इलाहाबाद HC की सख्त टिप्पणी, 'गांवों में राम भरोसे है चिकित्सा व्यवस्था'
मेरठ के जिला अस्पताल से एक मरीज के लापता होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्ती टिप्पणी की है। कहा कि मेरठ जैसे शहर में ऐसा हाल तो गांव में चिकित्सा व्यवस्था तो 'राम भरोसे' है। हाईकोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गांवों, छोटे कस्बों में चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति 'राम भरासे' है। कोर्ट ने ये टिप्पणी मेरठ के मेडिकल कॉलेज से लापता 64 साल के बुजुर्ग संतोष कुमार के मामले में की। कोर्ट ने बड़े औद्योगिक घरानों को सुझाव दिया है कि अपना धार्मिक फंड वैक्सीन खरीदने में लगाएं। सरकार खुद वैक्सीन बनाये, दूसरी कंपनियों को वैक्सीन के फॉर्मूले दे सकते हैं। BHU को SGPGI स्तर का बनाया जाए, गोरखपुर मेडिकल कॉलेज को PGI स्तर का बनाए, साथ मेरठ मेडिकल कॉलेज को PGI स्तर का बनाया जाए। कोर्ट ने सुझाव दिया कि हर छोटे शहरों में 20 एंबुलेंस होनी चाहिए, हर गांव में ICU सुविधा की 2 एंबुलेंस होनी चाहिए। साथ ही मेडिकल कॉलेजों के अपग्रेशन प्लान की रिपोर्ट दें।
हर नर्सिंग होम में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर सुविधा जरूरी है। 30 से ज्यादा बेड के अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट हो।