योगी कैबिनेट का फैसला, उप्र के हर गांव में स्थापित होगा ग्राम सचिवालय

योगी कैबिनेट का फैसला, उप्र के हर गांव में स्थापित होगा ग्राम सचिवालय

योगी कैबिनेट का फैसला, उप्र के हर गांव में स्थापित होगा ग्राम सचिवालय

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को योगी कैबिनेट ने भी बुधवार को अपनी संस्तुति दे दी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को लोक भवन में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें 29 प्रस्तावों को पारित किया गया। राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक ग्राम सचिवालय में दो कर्मचारी, एक पंचायत सहायक और एक अकाउंटेंट-कम-डेटा इन्ट्री ऑपरेटर की नियुक्ति भी की जायेगी। इस तरह पूरे प्रदेश में करीब 1.30 लाख लोगों को नौकरी मिलेगी।



मंत्री ने बताया कि प्रदेश में पहली बार ग्रामीण सचिवालय की स्थापना की जा रही है। उत्तर प्रदेश में 58,189 ग्राम पंचायतें हैं, जो त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है लेकिन प्रदेश में अभी तक ग्राम पंचायतें अपना कार्यालय स्थापित कर इसे व्यवस्थित रूप से चलाने में असमर्थ रही हैं। जबकि शासन की सभी महत्वपूर्ण योजनाएं ग्राम पंचायतों के माध्यम से अथवा ग्राम पंचायतों के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वित होती हैं। 58,189 ग्राम पंचायत के सापेक्ष लगभग 16,000 ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम्य विकास अधिकारी के पद सृजित हैं, जिसके सापेक्ष लगभग 10,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।



उन्होंने बताया कि प्रदेश की 33,577 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन पूर्व से निर्मित हैं तथा 24,617 पंचायत घर निर्माणाधीन हैं। इन पंचायत भवनों में आवश्यकतानुसार मरम्मत व विस्तार की कार्यवाही की जा रही है। एक ग्रामीण सचिवालय अथवा पंचायत कार्यालय को सुसज्जित करने के लिए उपयोगार्थ सामग्री लगभग 1.75 लाख रुपये की धनराशि अनुमन्य होगी। पंचायत कार्यालय में जनसेवा केन्द्र की स्थापना की जायेगी। बीसी सखी के लिए जगह उपलब्ध करायी जायेगी। पंचायत कार्यालय के लिए पंचायत सहायक व अकाउंटेंट कम डाटा इंट्री ऑपरेटर की तैनाती की जायेगी, जिसको 6,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देय होगा।



प्रवक्ता ने बताया कि पंचायत कार्यालय में विभिन्न योजनाओं व स्रोतों से प्राप्त होने वाली धनराशि का विवरण व निर्गत आदेश, बीपीएल परिवारों की सूची, विभिन्न योजनाओं के पात्र लाभार्थियों की सूची, जन्म-मृत्यु पंजीकरण प्रपत्र, ग्राम पंचायत के आय-व्ययक से सम्बन्धित पुस्तिका आदि उपलब्ध होंगे।



अयोध्या-अकबरपुर-बसखारी मार्ग पर बाईपास का प्रस्ताव स्वीकृत



कैबिनेट ने आज की बैठक में अयोध्या-अकबरपुर-बसखारी मार्ग पर प्रस्तावित गोसाईगंज बाजार बाईपास (लम्बाई 5.50 किमी) के निर्माण प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की।



ज्ञातव्य है कि अयोध्या-अकबरपुर-बसखारी मार्ग का 04 लेन में चौड़ीकरण किया जा रहा है। इस मार्ग पर स्थित जनपद अयोध्या के गोसाईगंज बाजार की घनी आबादी एवं कैरिजवे की चौड़ाई कम होने के कारण उक्त मार्ग से गुजरने वाले वाहनों को अक्सर जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। अतः गोसाईगंज बाजार बाईपास का निर्माण कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। व्यय समिति द्वारा इस परियोजना की लागत 11496.53 लाख रुपये अनुमोदित की गयी है।



अयोध्या बिल्लहरघाट मार्ग का प्रस्ताव अनुमोदित



मंत्रिमंडल ने अयोध्या बिल्लहरघाट मार्ग को दो लेन विथ पेव्ड शोल्डर में चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य कराये जाने के लिए पीसीयू शिथिलीकरण के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। मंत्री ने बताया कि अयोध्या में श्रीराम मन्दिर निर्माण के दृष्टिगत शीर्ष प्राथमिकता पर कराये जाने वाले कार्यों में अयोध्या बिल्लहरघाट मार्ग अत्यन्त महत्वपूर्ण मार्ग है। यह मार्ग पौराणिक स्थान सहित अनेक तीर्थ स्थल को जोड़ता है। सामान्य दिनों में भी अयोध्या में नागरिकों का आवागमन बराबर बना रहता है। मार्ग के बन जाने से निर्माणाधीन थीम पार्क, अन्तरराज्यीय बस स्टैण्ड अयोध्या, प्रस्तावित 251 मी. ऊंची भगवान श्री राम जी की मूर्ति, प्रस्तावित नव्य अयोध्या एवं प्रस्तावित होटलों के लिए यह अत्यन्त महत्वपूर्ण मार्ग होगा।



अयोध्या-अकबरपुर-बसखारी मार्ग पर बाईपास का प्रस्ताव अनुमोदित



मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने अयोध्या-अकबरपुर-बसखारी मार्ग के प्रस्तावित मया बाजार 04 लेन बाईपास (लम्बाई 3.00 किमी) के निर्माण प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है। इसकी लागत 6070.96 लाख रुपये है।



मथुरा में दो लेन चौड़ीकरण का व्यय प्रस्ताव स्वीकृत



उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने जनपद मथुरा में कोसी-नन्दगांव-बरसाना-गोवर्धन-सौंख-मथुरा एवं मथुरा राया (यमुना एक्सप्रेस-वे मार्ग तक) तक मार्ग (लम्बाई 82.775 किमी) के दो लेन विद पेव्ड शोल्डर के साथ चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य की व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित पुनरीक्षित लागत 29488.89 लाख रुपये के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।



कौशाम्बी को प्रयागराज से जोड़ने का कार्य स्वीकृत



सिंह ने बताया कि कैबिनेट ने मुख्यमंत्री की घोषणा से आच्छादित कौशाम्बी पर्यटन स्थल को जनपद प्रयागराज मुख्यालय वाया एयरपोर्ट से 04 लेन से जोड़ने का कार्य (लम्बाई 42.06 किमी) की व्यय-वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत 80893.85 लाख रुपये के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।



लखीमपुर खीरी में दुधवा राष्ट्रीय पार्क तक का मार्ग स्वीकृत



इसके अलावा कैबिनेट ने जनपद लखीमपुर खीरी में लखीमपुर से दुधवा राष्ट्रीय पार्क तक के मार्ग (राज्य राजमार्ग) का 02 लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य की व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदितम पुनरीक्षित लागत 26544.47 लाख रुपये के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। मंत्री ने बताया कि इससे पर्यटकों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होगी एवं जनपद लखीमपुर खीरी में दुधवा के आस-पास के पूरे क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा।



प्रयागराज-वाराणसी मार्ग के चौड़ीकरण का प्रस्ताव स्वीकृत



कैबिनेट ने प्रयागराज में जीटी रोड से प्रयागराज-वाराणसी मार्ग (एसएच-106) पर 22.40 किमी के 04 लेन चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य की व्यय-वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत 29404.14 लाख रुपये के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।



राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ के लिए जमीन की व्यवस्था



राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ की स्थापना के लिए आजमगढ़ की तहसील सदर के ग्राम असपालपुर व आजमबांध में दर्ज कुल 20.00 हे. पशुचर की भूमि की श्रेणी परिवर्तित कर निःशुल्क उच्च शिक्षा विभाग के नाम आवंटित कराने एवं इस भूमि के बदले में राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ की स्थापना के लिए ग्राम मोहब्बतपुर व महलिया तथा दौलतपुर में आवंटित/क्रय की गयी 21.0637 हे. भूमि को पशुचर की श्रेणी में परिवर्तित करते हुए विनिमय का प्रस्ताव अनुमोदित किया गया।



अमेठी मेडिकल काॅलेज के लिए 292.5668 करोड़ अनुमोदित



मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने राजकीय मेडिकल काॅलेज, अमेठी के निर्माण के लिए व्यय वित्त समिति द्वारा मूल्यांकित लागत 292.5668 करोड़ रुपये, जो 200 करोड़ रुपये से अधिक है, को अनुमोदित कर दिया है।

साथ ही, मंत्रिपरिषद द्वारा प्रायोजना में प्राविधानित कार्य एवं प्रयुक्त उच्च विशिष्टियां यथा-एचवीएसी आदि के प्रयोग को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।