असफलताओं की स्मारक है 'नई वाली समाजवादी पार्टी': सिद्धार्थनाथ
योगी के मंत्री बोले, जनता भूली नहीं है सपा की तुष्टीकरण राजनीति
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव पर गम्भीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि जनता भूली नहीं है, प्रदेश में सपा के तुष्टीकरण की राजनीति।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सपा के शासन काल में बहन-बेटियों का जीना मुहाल हो गया था। सपा सरकार के कार्यकाल के करीब आधे दर्जन से ज्यादा कारनामों की जांच सीबीआई कर रही है। इसमें चर्चित रिवर फ्रंट, जेपीएनआईसी, लोक सेवा आयोग में भर्ती सहित खनन घोटाला आदि शामिल हैं। जनता के सामने सपा की सच्चाई आ गई है और अखिलेश यादव के झांसे में कोई आने वाला नहीं है। मंत्री ने कहा कि ‘नई वाली समाजवादी पार्टी’ असफलताओं की स्मारक है।
उन्होंने सपा मुखिया की ओर से जारी किए गए पत्र को लालीपॉप बताते हुए कहा कि सपा शासनकाल ने उत्तर प्रदेश को दशकों पीछे पहुंचा दिया था। प्रदेश बीमारू राज्यों में शामिल था। रोजगार के लिए लोगों को दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ता था। प्रदेश में कानून व्यवस्था तो छोड़िए, न कानून था और न ही व्यवस्था, चारों ओर जंगलराज कायम था। नए निवेशक प्रदेश में निवेश के लिए तैयार नहीं थे, जो थे वह भी मजबूरन अपने उद्योग दूसरे राज्यों में शिफ्ट कर रहे थे। भ्रष्टाचार और अराजकता की जननी है समाजवादी पार्टी।
श्री सिंह ने कहा कि अनुशासन से शासन की बात करने वाले अखिलेश यादव का शासनकाल खुद इस बात की गवाही देता है कि प्रदेश में न अनुशासन था और न ही शासन। लोगों ने खुद कहा था, सपा का नारा है, खाली प्लॉट हमारा है। चारों ओर लूट और अराजकता का माहौल था। सपा में न किसी को स्थान है और न ही सम्मान। उनके सगे चाचा, जिन्होंने खून पसीने से पार्टी को सींचा और आगे बढ़ाया, आज उनकी हालत किसी से छिपी नहीं है। सम्मान का इससे बड़ा उदाहरण क्या होगा ?