मुस्लिम महिलाओं ने उतारी भगवान राम की आरती, दिया विश्व शांति का संदेश
भारत में रहने वाले किसी भी व्यक्ति का राम के बिना कोई अस्तित्व नहीं : नाजनीन
वाराणसी, 10 अप्रैल । बाबा विश्वनाथ की नगरी में रविवार को उनके आराध्य भगवान राम का जन्मोत्सव उत्साहपूर्ण माहौल में मनाया जा रहा है। नगर में स्थित भगवान राम के मंदिरों के साथ मठों, आश्रमों, घरों में भगवान का जन्मोत्सव पूरे आस्था के साथ दोपहर में कराया गया। इसमें मुस्लिम महिलाओं ने भी बढ़चढ़ कर भागीदारी की।
मुस्लिम महिला फाउंडेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मुस्लिम महिलाओं ने हिंदू महिलाओं के साथ मिलकर लमही स्थित सुभाष भवन में भगवान श्रीराम एवं माँ जानकी की विधि-विधान से आरती की। महाआरती में शामिल पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर एवं काशी धर्म परिषद के अध्यक्ष महंत बालक दास ने मुस्लिम महिलाओं के साथ भगवान राम की स्तुति की। मुस्लिम महिलाओं ने नाजनीन अंसारी द्वारा उर्दू में लिखा भजन गाया और उर्दू में लिखी आरती का गायन भी किया। फूलों से उर्दू में श्रीराम लिख पूरे दुनिया में शांति और सौहार्द का संदेश दिया।
महंत बालक दास ने कहा कि भगवान श्रीराम अखंड ब्रह्मांड के नायक हैं। कोई भी उनसे अलग नहीं। बिना राम के अखंड भारत के रहने वालों की कोई पहचान नहीं हैं। मुस्लिम महिलाओं द्वारा किया गया प्रयास इस्लामी कट्टरपंथियों के लिए एक सबक है, वो भी नफरत छोड़कर राम के मार्ग पर चलें तो नफरत का पात्र होने से बच जाएंगे। फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि भारतभूमि पर रहने वाले किसी भी व्यक्ति का अस्तित्व बिना राम के कुछ नहीं है। भारतभूमि का जो हिस्सा प्रभु श्रीराम से अलग हुआ, आज वह नफरत, हिंसा और गरीबी की दुर्दशा झेल रहा है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान सभी हिंसा की आग में जल रहे हैं क्योंकि ये सब अपने पूर्वजों से अलग हो गए। आज की तारीख में ये देश भगवान श्रीराम की स्तुति करें और भगवान श्रीराम के रास्ते पर चलें तो फिर से शांति और समृद्धि पा सकते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध तभी रुकेगा, जब वहां के लोग सार्वजनिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों को पत्र लिखकर यह सलाह जरूर दूंगी।
रामपंथ के पंथाचार्य डॉ. राजीव ने कहा कि भगवान श्रीराम के साथ उनके तीनों भाइयों की पूजा और चारों माताओं की स्तुति से घर परिवार में समृद्धि आएगी और शांति बनी रहेगी। शांति और एकता के लिए रामपंथ ही एकमात्र विकल्प है। श्रीराम महाआरती में नगीना बेगम, खुशी रमन भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, इली भारतवंशी, डॉ.मृदुला जायसवाल, नाजमा, रुखसाना बीबी, रुखसार बेगम, जफरीन, गुंजा बेगम, मेहफात्मा, नाजिया बेगम, नगीना, तबस्सुम, शमीमा, तहमीना, सोनी बेगम, सबीना बेगम आदि शामिल रहीं।