दिव्यांगजनों के समावेशन व सशक्तिकरण के लिए डीएसएमएनआरयू एवं सक्षम ट्रस्ट के बीच एमओयू

दिव्यांगजनों के समावेशन व सशक्तिकरण के लिए डीएसएमएनआरयू एवं सक्षम ट्रस्ट के बीच एमओयू

लखनऊ, 17 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार के समावेशी विकास और दिव्यांगजन सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता के तहत गुरुवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय (डीएसएमएनआरयू) लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिश्रा और नई दिल्ली सक्षम ट्रस्ट के बीच दिव्यांग छात्रों के लिए शिक्षा, तकनीक, प्रशिक्षण और पुनर्वास के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

यह पहल योगी सरकार की उस दूरदर्शी सोच का हिस्सा है, जो ‘समान अवसर, आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ के निर्माण के लिए लगातार दिव्यांगजनों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार के चलाए जा रहे समावेशी शिक्षा एवं सशक्तिकरण कार्यक्रमों को इस समझौते से और अधिक बल मिलेगा।

दोनों संस्थानों ने परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए समन्वयकों की नियुक्ति की है। इसमें डीएसएमएनआरयू से आशीष कुमार गुप्ता एवं सक्षम ट्रस्ट से रमी सेठ शामिल हैं। समझौते की अवधि प्रारम्भिक रूप से तीन वर्षों के लिए तय की गई है, जिसे आवश्यकतानुसार आगे बढ़ाया जा सकेगा। प्रत्येक वर्ष संयुक्त समीक्षा बैठक भी आयोजित की जाएगी।

समझौता हस्ताक्षर के मौके पर डीएसएमएनआरयू की ओर से कुलसचिव रोहित सिंह तथा सक्षम ट्रस्ट की ओर से दिपेन्द्र मनोचा, रमी सेठ एवं प्रो. अरुणी शर्मा उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारियों में प्रो. विनोद कुमार सिंह, प्रो. अवनीश चंद्र मिश्र, प्रो. सी. के. दीक्षित, डॉ. कौशल शर्मा, डॉ. विजय शंकर शर्मा और डॉ. आद्या शक्ति राय भी मौजूद रहे।

--समझौते का उद्देश्य

दिव्यांगजनों के लिए सुलभ, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का विस्तार।

सहायक तकनीकों को शिक्षा प्रणाली में एकीकृत कर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।

छात्र-शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण और पुनर्वास कार्यक्रमों को विकसित करना।

संयुक्त अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से नीति-निर्माण में योगदान देना।

--इन क्षेत्रों में होगा कार्य

शैक्षिक समावेशन और क्षमतावर्धन, ब्रेल एवं डिजिटल प्रारूप में अध्ययन सामग्री का विकास। समावेशी शिक्षा पर शिक्षक व कर्मचारियों के लिए कार्यशालाएं।

नेतृत्व, अधिकार एवं जागरूकता अभियान।

--सहायक तकनीक एवं नवाचार

स्क्रीन रीडर, मैग्नीफायर और विशेष सॉफ़्टवेयर की व्यवस्था। टेक्नोलॉजी लैब्स और रिसोर्स सेंटर्स की स्थापना। तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण का संचालन।

--डिजिटल डिवाइस प्रशिक्षण

डिजिटल उपकरणों पर दक्षता विकास (लैपटॉप, टैबलेट, मोबाइल)। उन्नत डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण (ईमेल, इंटरनेट, ज़ूम, स्क्रीन रीडर)।

--पुनर्वास और कौशल विकास

संवाद, आत्म-निर्भरता एवं जीवन कौशल प्रशिक्षण।

रोजगार के लिए व्यावसायिक कौशल कार्यक्रम।

मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और सहायता।

--अनुसंधान एवं ज्ञान साझाकरण

समावेशी शिक्षा और तकनीकी नवाचारों पर शोध।

संगोष्ठियां, सेमिनार, पैनल चर्चाएं और प्रकाशन।

नीति निर्माण के लिए साक्ष्य आधारित सुझाव।