मुस्लिमों की पत्नी चाहें तीन हों, लेकिन बच्चे दो ही होने चाहिए : महंत नरेन्द्र गिरि
मुस्लिमों की पत्नी चाहें तीन हों, लेकिन बच्चे दो ही होने चाहिए : महंत नरेन्द्र गिरि
प्रयागराज, 12 जुलाई । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर योगी सरकार द्वारा लाए गए नई जनसंख्या नीति का स्वागत और समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि बेहद जरूरी है कि लगातार बढ़ रही जनसंख्या पर तत्काल रोक लगायी जाए। जनसंख्या नियंत्रण में जाति और मजहब को बीच में नहीं लाना चाहिए।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने कहा है कि मुस्लिम समाज में तीन शादियों की छूट है। ऐसे में किसी भी मुस्लिम व्यक्ति को हर पत्नी से दो बच्चे पैदा करने की इजाजत कतई नहीं होनी चाहिए। पत्नी चाहे तीन हों लेकिन बच्चे दो ही होने चाहिए। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि देश की बढ़ रही जनसंख्या सबसे बड़ी समस्या है इसलिए सभी धर्मों के लोग मिलकर ही इस समस्या से निजात पा सकते हैं। अंत में कहा कि इसे एक चुनौती मानते हुए सबको जनसंख्या नियंत्रण के लिए लाए जा रहे कानून का पालन करना चाहिए।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने जनसंख्या विस्फोट को लेकर अपनी गहरी चिंता भी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि देश और प्रदेश में हो रहा तेजी से जनसंख्या विस्फोट कई प्रमुख समस्याओं का कारण भी है। उन्होंने सरकार से मांग किया है कि जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए ऐसा सख्त कानून बनाना चाहिए, जिसे देश व प्रदेश में रहने वाले हर नागरिक को मानना बाध्यकारी हो। उन्होंने कहा कि जनसंख्या बढ़ने पर सीधा प्रभाव अच्छी शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था पर भी पड़ रहा है।
मुस्लिम धर्म गुरुओं से सवाल, आखिर बच्चा पैदा करने में अल्लाह की क्या देन
वहीं नई जनसंख्या नीति का मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा विरोध और इसे अल्लाह की देन बताए जाने पर महंत नरेन्द्र गिरि ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने मुस्लिम धर्म गुरुओं से सवाल किया है कि आखिर बच्चा पैदा करने में अल्लाह की क्या देन है। महंत नरेंद्र गिरी ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से अपील की है कि वह भी इस कानून को सहृदयता के साथ स्वीकार करें और मुस्लिम समाज में लोगों को कम बच्चे पैदा करने के लिए जागरूक भी करें।
तीसरा बच्चा पैदा होने पर चुनाव लड़ने का अधिकार न हो
महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण का कानून इतना सख्त होना चाहिए कि अगर दो बच्चे के बाद तीसरा बच्चा कोई पैदा करता है तो उसे वोट देने का अधिकार ना हो, न ही चुनाव लड़ने का अधिकार हो और उसका आधार कार्ड भी न बने और सरकार की तमाम योजनाओं से भी उसे वंचित कर दिया जाए। तभी इस कानून का सही मायने में सख्ती से पालन हो सकता है।