सनातन धर्म के आ गए हैं अच्छे दिन : शंकराचार्य वासुदेवानंद
सनातन धर्म के आ गए हैं अच्छे दिन : शंकराचार्य वासुदेवानंद
प्रयागराज, 12 दिसम्बर । एक लंबे संघर्ष के बाद सनातन धर्म के अच्छे दिन आ गए हैं। संत-महात्माओं एवं भक्तों के कठिन श्रम व सहयोग से श्री राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण, काशी में विश्वनाथ धाम का लोकार्पण, मंदिर के जीर्णोद्धार, तीर्थ स्थलों को पुनर्जीवित करने का प्रयास इस बात के स्पष्ट संकेत है कि सदियों की धार्मिक यातना, उत्पीड़न व गुलामों के बाद अब देश में पूर्ण समन्वय के साथ सांस्कृतिक आध्यात्मिक चेतना जागृत हुई।
यह बातें जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने रविवार को आराधना महोत्सव में भक्तों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहाकि भारत ही एक ऐसा देश है और सनातन धर्म एक ऐसी धार्मिक व्यवस्था है, जिसमें प्रत्येक पंथ व विचारधारा के लोगों को अपनी-अपनी आस्था के अनुसार धर्म स्थान बनाने व पूजा करने का अधिकार प्राप्त है।
कथावाचक श्रवणनंद व्यास ने कहा कि साधु सेवा का लाभ गुरुओं का सम्मान व पूजा करने से प्राप्त पुण्य का फल परलोक में भी साथ जाता है। धन सम्पदा इसी दुनिया में रह जाता है। आत्मा आकाश से भी अधिक सूक्ष्म है। पानी बरसता है किंतु आसमान गीला नहीं होता हैं। उसी प्रकार शरीर में आत्मा रहती है किंतु आत्मा पर कोई बुरा असर नहीं होता है। श्रीमद् भागवत महापुराण में भारत राष्ट्र की श्रेष्ठता भी बताया है। शास्त्र विरुद्ध आचरण करने वाले को नरक में स्थान मिलता है।
ज्योतिषपीठ प्रवक्ता ओंकार नाथ त्रिपाठी ने बताया कि सोमवार को भगवान राधा माधव का वार्षिक पाटोत्सव एवं जयंती महोत्सव एवं जगतगुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती की जयंती तथा 14 दिसम्बर को गीता जयंती एवं जगतगुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी विष्णु देवानंद की जयंती का भव्य आयोजन है। श्रीमद् भागवत कथा 17 दिसम्बर तक तक चलेगी।
कार्यक्रम में आज प्रमुख रूप से दंडी स्वामी विनोदानंद, पूर्व प्रधानाचार्य पंडित शिवार्चन उपाध्याय, ब्रह्मचारी आत्मानंद, ब्रह्मचारी विशुद्धानंद, आचार्य विपिन, ब्रह्मचारी जितेंद्रानंद, राजेश राय दिल्ली, सीताराम शर्मा जयपुर, राजेश सिंहला पंजाब, मृत्युंजय सिंह रायबरेली सहित भारी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित रही।