इतिहास लेखन करने वालों ने भारत के साथ न्याय नहीं किया : मिथिलेश नारायण
इतिहास लेखन करने वालों ने भारत के साथ न्याय नहीं किया : मिथिलेश नारायण
लखनऊ, 12 दिसम्बर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र बौद्धिक शिक्षण प्रमुख मिथिलेश नारायण ने कहा कि भारत का इतिहास लिखने वालों ने देश के साथ न्याय नहीं किया। महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज को इस देश का इतिहास महान नहीं कहता। देश के इतिहास में अकबर को महान बताया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत का वास्तविक इतिहास क्या है यह जानकारी सबको नहीं है। इसलिए युवा पीढ़ी को भारत के वास्तविक इतिहास से परिचित कराने की जरूरत है। वह रविवार को शहीद स्मारक पर लखनऊ पश्चिम भाग द्वारा निकाली गयी तिरंगा यात्रा के पहुंचने पर कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
मिथिलेश नारायण ने कहा कि स्वतंत्रता की सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल सरकार व सेना की नहीं है बल्कि यह जिम्मेदारी आम लोगों की भी है। उन्होंने कहा कि आखिर वह कौन सी मजबूरी थी, जिसके कारण भारत का विभाजन करना पड़ा। उस समय के नेता जनता को आश्वासन देते रहे कि भारत का विभाजन नहीं होगा और रातोंरात विभाजन को स्वीकार कर लिया गया।
अटल जी की कविता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 'जो पाया उसमें खो न जाएं, जो खोया उसका ध्यान करें।' उन्होंने कहा कि हमको अखंड भारत चाहिए। देश के क्रांतिकारियों और महापुरुषों ने अखण्ड भारत के लिए बलिदान दिया था।
मिथिलेश नारायण ने कहा कि व्यक्ति-व्यक्ति में राष्ट्रभक्ति जागृत करने की जरूरत है। आज हमारे रहन-सहन खान-पान और त्यौहारों में अंग्रेजियत हावी होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि भारत की स्वतंत्रता को दिलाने के लिए जिन्होंने बलिदान दिया उनका स्मरण करें। क्रांतिकारियों ने जो जिम्मेदारी देश समाज व धर्म रक्षा की हमको सौंपकर गये हैं वह निभाएं। हमें समाज को चैतन्य शील और जाग्रत रखना है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सौरभ गर्ग ने की। इस अवसर पर डॉ राजीव लोचन, लखनऊ पश्चिम के भाग कार्यवाह अनुज, भाग के प्रचार प्रमुख डॉ पंकज भारतवासी और गौरव पांडेय एडवोकेट प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।