उप्र बजट 2022-23 : पांच साल में पुलिस के बजट में करीब दोगुने की वृद्धि

बजट में कानून व्यवस्था के प्रति दिखी मुख्यमंत्र योगी की प्रतिबद्धता

उप्र बजट 2022-23 : पांच साल में पुलिस के बजट में करीब दोगुने की वृद्धि

लखनऊ, 26 मई  । योगी सरकार 2.0 ने अपना पहला बजट गुरुवार को यूपी विधानसभा में पेश किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता बजट में भी दिखाई दे रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में 37 सौ करोड़ से अधिक की धनराशि पुलिस सुदृढ़ीकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और पुलिस सुधारों के लिए दिए गए हैं।

बजट में विशेष सुरक्षा बल, पुलिस इमरजेंसी प्रबन्ध प्रणाली के सुदृढीकरण और सिटी योजना के तहत महिलाओं की सुरक्षा पर फोकस किया है। यूपी पुलिस को देश में नंबर एक पुलिस बनाने के लिए जिस प्रकार से कार्य किया जा रहा है, उसमें बजट का महत्वपूर्ण योगदान है। पिछले पांच साल में पुलिस के बजट में करीब दोगुने और पुलिस के आवासीय, अनावसीय भवनों के बजट में चार गुने की वृद्धि हुई है। सरकार ने पुलिस महकमे में सबसे ज्यादा धनराशि आवासीय भवनों के लिए 800 करोड़ और अनावासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

नवसृजित जिलों में पुलिस के आवासीय और अनावासीय भवनों के लिए 300 करोड़ और पुलिस लाइन निर्माण के लिए भूमि खरीद को 65 करोड़ 70 लाख रुपये की धनराशि प्रस्तावित की गई है।

इसी तरह विशेष सुरक्षा बल के लिए 276 करोड़ 66 लाख रुपये, पुलिस इमरजेंसी प्रबन्ध प्रणाली के सुदृढीकरण के लिए 730 करोड़ 88 लाख रुपये, सेफ सिटी योजना के तहत महिलाओं की सुरक्षा के लिए लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज में योजना लागू करने के लिए 523 करोड़ 34 लाख रुपये की धनराशि प्रस्तावित की गई है। जनपदीय थानों के लिए सुरक्षा उपकरणों और अस्त्र-शस्त्र के लिए 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। साथ ही फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट लखनऊ का निर्माण कराया जा रहा है।



जनपद स्तर पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापना

प्रदेश के सभी जिलों में साइबर हेल्प डेस्क स्थापना की जा रही है। महिला सामर्थ्य योजना के लिए 72 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। इसके अलावा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सुदृढ़ बनाए रखने के उद्देश्य से सभी जिलों के समस्त 1535 थानों पर महिला बीट आरक्षी नामित करते हुए महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। ससम्मान उनकी शिकायतों का निराकरण कराया जा रहा है, इससे महिलाओं में सुरक्षा की भावना जागृत हुई है, उनकी शिकायतों पर प्रभावी कार्रवाई तत्काल की जा रही है।

महिला पीएसी का गठन

जनपदों में 2,740 महिला पुलिस कार्मिकों को 10,370 महिला बीटों का आवंटन किया गया। महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी के लिए तीन महिला पीएसी बटालियन लखनऊ, गोरखपुर तथा बदायूं का गठन किया जा रहा है। अगस्त 2020 में गठित महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन का क्रियान्वयन अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की ओर से किया जा रहा है।

50 माफियाओं पर हुई कार्रवाई



प्रदेश को अपराध मुक्त के लिए सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। इसी के तहत अब तक 50 माफियाओं और उनके गैंग पर कार्रवाई हो रही है। महिला अपराध रोकने के लिए मिशन शक्ति अभियान चलाया। जनपदीय थानों हेतु सुरक्षा उपकरणों और अस्त्र—शस्त्र के लिए 250 करोड़ रुपये का बजट। विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना और यूपी फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट का निर्माण होगा।

उप्र विशेष सुरक्षा बल का गठन

महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए उप्र विशेष सुरक्षा बल का गठन किया गया है। इसके लिए 276 करोड़ 66 लाख रुपये की व्यवस्था रहेगी। यूपी-112 योजना के द्वितीय चरण के लिए 730 करोड़ 88 लाख रुपये की व्यवस्था। सेफ सिटी योजना के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा के लिए लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज में योजना लागू किए जाने के लिए 523 करोड़ 34 लाख रुपये।

सहारनपुर में एटीएस सेंटर का निर्माण जारी

वित्तमंत्री ने बताया कि जनपद सहारनपुर के देवबंद में एटीएस सेंटर का निर्माण जारी है। इसके अलावा बहराइच और कानपुर में भी सेंटर का निर्माण होगा। आजमगढ़, मेरठ और रामपुर में भी एटीएस सेंटर बनाया जायेगा। तीन महिला पीएसी की तीन महिला बटालियन का गठन किया जा रहा है।