उप्र बजट: उत्तर प्रदेश बनेगा देश का सांस्कृतिक हब

अयोध्या, काशी, चित्रकूट और विंध्य धाम के विकास पर खासा जोर

उप्र बजट: उत्तर प्रदेश बनेगा देश का सांस्कृतिक हब

लखनऊ, 26 मई । उत्तर प्रदेश की प्राचीन संस्कृति और सांस्कृतिक स्थलों के विकास के लिए योगी सरकार संकल्पित है। वर्ष 2022-23 के राज्य बजट में किये गए प्रावधानों से इस दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता नज़र आ रही है।

बजट में स्थानीय स्तर पर रोजी-रोजगार के लिहाज से संभावनाओं के क्षेत्र पर्यटन के समग्र विकास को तरजीह दी गई है। साथ ही भगवान श्रीराम की अयोध्या और शिव की काशी का खास ख्याल रखा गया है। हर विधानसभा क्षेत्र में किसी एक पर्यटन स्थल के विकास के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री पर्यटन स्थल योजना के लिए बजट में सर्वाधिक 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।



उल्लेखनीय है कि इस योजना का मकसद ही स्थानीय स्तर पर किसी एक पर्यटन स्थल को विकसित करना था। इसके लिए विधायकों से प्रस्ताव मांगे गए थे। पर्यटन के समग्र विकास के साथ ही बजट में अयोध्या और काशी का खास ख्याल रखा गया है।

अयोध्या और काशी में पर्यटन सुविधाओं के विकास एवं सौन्दर्यीकरण के लिए 100-100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। भगवान राम ने वनवास के दौरान जिस चित्रकूट में सीता एवं लक्ष्मण के साथ सर्वाधिक समय बिताया था उसके विकास के लिए बजट में 3 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित। इसी तरह देश के प्रमुख शक्तिपीठों में शुमार विन्ध्य धाम तीर्थ विकास परिषद के लिए 03 करोड़ 50 लाख रुपये का प्रस्ताव भी बजट में है। इसके अलावा सरकार ने बजट प्रस्तावों में वाराणसी में संत रविदास संग्रहालय एवं सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये तथा संत कबीर संग्रहालय की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

इसके अलावा जनजातीय संग्रहालयों के निर्माण के लिए 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। बजट में संग्रहालयों की स्थापना, निर्माण, विस्तार एवं उन्नयन के लिए 20 करोड़ रुपये की योजनाएं प्रस्तावित हैं। बजट में रामजन्म भूमि मन्दिर, अयोध्या धाम तक पहुंच मार्ग के निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये, अयोध्या में जनसुविधाओं के विकास तथा पार्किंग के निर्माण के लिए 209 करोड़ 70 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त वाराणसी में निर्मल गंगा तट से काशी विश्वनाथ धाम तक के पहुंच मार्ग के विस्तारीकरण के लिए 77 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।

देश में अपनी तरह की अभिनव योजना में प्रदेश में ऑनलाईन एकीकृत मन्दिर सूचना प्रणाली विकसित की जाएगी। इसके लिए सॉफ्टवेयर बेवसाइट का निर्माण एवं सूचनाओं के एकत्रीकरण के लिए 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।