उप्र बजट: जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संकल्पि सरकार
उप्र बजट: जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संकल्पि सरकार
लखनऊ, 26 मई । योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में प्रस्तुत पहले बजट में चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा पर विशेष रूप से फोकस किया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को सदन में प्रस्तुत बजट में जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि चिकित्सा की बेहत्तरी के लिए आवश्यक बजट का प्रावधान किया गया है।
बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन हेतु 10,547 करोड़ 42 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है। प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए 620 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है। इसी तरह आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 2,949 चिकित्सालयों को आबद्ध किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहाकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने की दिशा में हमारी सरकार द्वारा निरन्तर कार्य किया जा रहा है। बताया कि प्रदेश के 1.78 करोड़ लाभार्थी परिवारों को लाभ दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित है। अब तक 1.84 करोड़ व्यक्तियों को आयुष्मान कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। योजना के लिए 560 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिए 320 करोड़ 07 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। बताया कि पन्द्रहवें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अधीन विभिन्न योजनाओं के लिए 2908 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राज्य कर्मचारियों तथा पेंशनरों की असाध्य बीमारी के उपचार के लिए राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को "आत्मनिर्भर भारत" का मंत्र दिया है, जिसका परम उद्देश्य भारत देश को हर क्षेत्र में चाहे वह मैन्यूफैक्चरिंग हो, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स हो उद्योग-धन्धे हों शिक्षा स्वास्थ्य या कृषि हो, आत्मनिर्भर बनाना है।
सरकार ने उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर प्रदेश के रूप में विकसित किये जाने का विजन दिया। हम इस दिशा में दृढ़ इच्छाशक्ति और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आत्मनिर्भरता एक स्वस्थ विकसित और सशक्त समाज का प्रधान लक्षण है। विभिन्न वायरस जनित संक्रामक रोगों पर नियंत्रण एवं उपचार की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि रिकार्ड समय में की गई।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 9 से 14 वर्ष तक की एक लाख बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन की दोनों खुराक से आच्छादित किये जाने के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था बजट में की गयी है।
आशा कार्यकत्री एवं शहरी आशा संगिनियों को राज्य सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की धनराशि में की गई वृद्धि के दृष्टिगत 300 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
राज्य औषधि नियंत्रण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए खाद्य औषधि प्रयोगशालाओं एवं मण्डलीय कार्यालयों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश के सीमावर्ती व अन्य क्षेत्रों में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालयों की स्थापना के लिए 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था बजट में की गयी है।