उप्र बजट : दिव्यांग अनुदान 300 से बढ़ाकर किया गया एक हजार रुपये

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ रुपये का बजट

उप्र बजट : दिव्यांग अनुदान 300 से बढ़ाकर किया गया एक हजार रुपये

लखनऊ, 26 मई । उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को विधानसभा में राज्य का बजट पेश किया। खन्ना ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए कई बेहतर कदम उठा रही है। इसी के तहत सरकार ने दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान 300 रुपये से बढ़ाकर एक हजार रुपये किया है।

वित्त मंत्री के मुताबिक प्रदेश के 11 लाख से अधिक दिव्यांगजन इससे लाभान्वित हो रहे हैं। वित्त वर्ष 2022-2023 के बजट में योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अलावा कुष्ठावस्था विकलांग भरण पोषण योजना के अन्तर्गत तीन हजार रुपये प्रति माह की दर से 34 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी की पेंशन की राशि को बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रतिमाह की दर से लगभग 56 लाख वृद्धजन को पेंशन प्रदान की जा रही है। इस योजना के लिए 7053 करोड़ 56 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

निराश्रित महिला पेंशन बढ़ाई गयी

इसके अलावा निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रुपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में इस 12 योजना के अन्तर्गत 31 लाख महिलाओं को लाभान्वित हुई है। वित्त वर्ष 2022-2023 के बजट में इसके लिए 4032 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

सामूहिक विवाह के लिए 600 करोड़ रुपये

समाज में सर्वधर्म-समभाव तथा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने अक्टूबर माह 2017 से “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना“ संचालित की है। इसके अन्तर्गत विभिन्न समुदाय एवं धर्मों के रीति-रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाता है। इस योजना के लिए 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मैनुअल स्कॅवेन्जर मृत्यु क्षतिपूर्ति योजना के लिए 01 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

श्रमिक एवं स्ट्रीट वेंडर

पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों एवं अनाथ बच्चों को कक्षा 6 से 12 तक गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान किये जाने के लिए प्रदेश के 18 मंडलों में प्रत्येक मंडल में 01-01 अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना करायी जा रही है। इसके लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

श्रमिकों के लिए आयोग का गठन

कामगारों एवं श्रमिकों को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा और उनके सर्वांगीण विकास के उद्देश्य को सुनियोजित ढंग से प्राप्त किये जाने के लिए "उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन और रोजगार) आयोग" का गठन किया गया है। शहरी स्ट्रीट वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के अन्तर्गत 08 लाख 45 हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण वितरित कर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश के 10 शहरों में 19 मॉडल स्ट्रीट वेंडिंग जोन्स का विकास किया जा रहा है। शहरी बेघरों के लिए आश्रय योजना के अन्तर्गत 130 शेल्टर होम क्रियाशील किये जा चुके हैं।