पांच लाख श्रद्धालुओं ने किया मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन
पांच लाख श्रद्धालुओं ने किया मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन
- - गुप्त नवरात्र और महाकुम्भ से वापसी के चलते उमड़ी भारी भीड़
मीरजापुर, 31 जनवरी (हि.स.)। गुप्त नवरात्र के दूसरे दिन मां विंध्यवासिनी देवी के दर्शन और पूजन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। महाकुम्भ और गुप्त नवरात्र के संयोग से मंदिर परिसर में शुक्रवार को पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। सुबह से ही भक्तजन मां के चरणों में शीश नवाने के लिए उमड़ पड़े और यह सिलसिला देर शाम तक अनवरत जारी रहा।
मंदिर प्रांगण में गूंजते घंटे-घड़ियाल, शंखनाद और जय माता दी के उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी के चरणों में माला-फूल, चुनरी और प्रसाद अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की। गुप्त नवरात्र के अवसर पर साधक विशेष रूप से मां की उपासना में लीन रहे। मंदिर परिसर में यज्ञ और अनुष्ठान चल रहे हैं, जिससे भक्तों की आस्था और भी प्रगाढ़ हो रही है। मां विंध्यवासिनी के दरबार में उमड़ी इस आस्था की बयार से पूरा विंध्याचल भक्तिमय हो उठा।
गुप्त नवरात्र का विशेष महत्व
वेदांताचार्य पं. देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि गुप्त नवरात्र का महत्व साधकों और तांत्रिक उपासकों के लिए अत्यधिक होता है। गुप्त नवरात्र को देवता, गंधर्व, यक्ष और किन्नर भी देवी की आराधना के लिए श्रेष्ठ मानते हैं। माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले इस नवरात्र में विधिवत पूजा-अर्चना करने से भक्तों को उतना ही पुण्य लाभ प्राप्त होता है, जितना कि चैत्र और आश्विन नवरात्र में मिलता है।
सुरक्षा व्यवस्था और यातायात
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे थे ताकि दर्शन व्यवस्था सुचारु बनी रहे।
महाकुम्भ से लौट रहे श्रद्धालुओं के कारण प्रयागराज-मीरजापुर मार्ग पर यातायात प्रभावित रहा। सुबह से देर रात तक अष्टभुजा, सीताकुंड, डाक बंगला, काली खो, अटल चौराहा, ओझला पुल से नटवा चौराहे तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।