वित्त बजट 2022-23 : राजकोषीय घाटा 6.5 प्रतिशत, वित्तमंत्री ने कहा तय लक्ष्य के अनुरूप

वित्त बजट 2022-23 : राजकोषीय घाटा 6.5 प्रतिशत, वित्तमंत्री ने कहा तय लक्ष्य के अनुरूप

वित्त बजट 2022-23 : राजकोषीय घाटा 6.5 प्रतिशत, वित्तमंत्री ने कहा तय लक्ष्य के अनुरूप

नई दिल्ली, 01 फरवरी । केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट पेश करते हुए कहा कि 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह राजकोषीय मजबूती की दिशा में तय लक्ष्य के अनुरूप है। पिछले सरकार ने घोषणा की थी कि 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे लाया जाएगा।



इसके अतिरिक्त, चालू वर्ष में संशोधित राजकोषीय घाटा जीडीपी का अनुमानत: 6.9 प्रतिशत है, जबकि बजट अनुमान में इसे 6.8 प्रतिशत अनुमानित किया गया था।



वित्त मंत्री ने कहा कि 2022-23 के लिए सरकार के राजकोषीय घाटे 16,61,196 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। 2021-22 के लिए संशोधित अनुमान 15,06,812 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के मुकाबले 15,91,089 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का संकेत देते हैं।



वित्त मंत्री ने कहा कि आम बजट में पूंजी व्यय के लिए परिव्यय को एक बार फिर 35.4 प्रतिशत की तेज वृद्धि करने के द्वारा वर्तमान वर्ष के 5.54 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2022-23 में 7.50 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है। इसमें 2019-20 के व्य5य की तुलना में 2.2 गुना वृद्धि हुई है। 2022-23 में यह परिव्यय जीडीपी का 2.9 प्रतिशत होगा।



वित्त मंत्री ने बताया कि राज्यों को अनुदान सहायता के जरिए पूंजी परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए किये गये प्रावधान को मिलाकर पूंजी व्यीय के साथ, केन्द्र सरकार के ‘प्रभावी पूंजी व्यय’ के 2022-23 में 10.68 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो जीडीपी का 4.1 प्रतिशत होगा।



2022-23 में कुल व्यय के 39.45 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि उधारियों के अतिरिक्त कुल प्राप्तियों के 22.84 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। उन्होंने यह भी कहा कि 2021-22 के बजट आकलनों में अनुमानित 34.83 लाख करोड़ रुपये के कुल व्यहय के मुकाबले संशोधित अनुमान 37.70 लाख करोड़ रुपये का है।



2022-23 के लिए सरकार की कुल बाजार उधारियों के 11,58,719 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। 2021-22 के लिए इसके संशोधित अनुमानों के 9,67,708 करोड़ रुपये के बजट अनुमानों के मुकाबले 8,75,771 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।