मुख्यमंत्री योगी ने की 'उप्र मातृभूमि योजना' शुरू करने की घोषणा

ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थापना विकास के लिए योगी सरकार की पहल

मुख्यमंत्री योगी ने की 'उप्र मातृभूमि योजना' शुरू करने की घोषणा

लखनऊ, 15 सितंबर । उत्तर प्रदेश के विकास में आमजन को प्रत्यक्ष भागीदार बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ शुरू करने की घोषणा की है। इस अनूठी योजना के तहत गांवों में होने वाले अवस्थापना विकास के विभिन्न कार्यों में हर व्यक्ति को सीधी हिस्सेदारी का मौका मिलेगा।



परियोजना की कुल लागत का 50 फीसदी खर्च सरकार वहन करेगी, जबकि शेष 50 फीसदी इच्छुक व्यक्ति की ओर से सहयोग होगा। बदले में परियोजना का नामकरण सहयोगी व्यक्ति की इच्छानुसार उनके परिजनों के नाम पर किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम्य विकास और पंचायती राज विभाग को इस अभिनव योजना की औपचारिक शुरुआत के लिए विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा है।



बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से पीएम ग्रामीण सड़क योजना तथा जिला पंचायतों के तहत हॉटमिक्स तथा फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) पद्धति से बनी सडकों लोकार्पण व शिलान्यास करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने सरकार की इस नई योजना की जानकारी दी।



उन्होंने कहा कि गांवों के समग्र विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लगातार काम किया जा रहा है। समाज के साधन-संपन्न लोगों का सहयोग लेकर इस काम को और बेहतर और तेजी से किया जा सकता है। इस उद्देश्य से उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना एक अच्छा प्रयास हो सकती है। गांवों में स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी, पुस्तकालय, स्टेडियम, व्यायामशाला, ओपन जिम, पशु नस्ल सुधार केंद्र, फायर सर्विस स्टेशन आदि की स्थापना करनी हो, या फिर स्मार्ट विलेज के लिए सीसीटीवी लगवाने हों, अंत्येष्टि स्थल का विकास होना हो, सोलर लाइट लगनी हो या फिर सीवरेज के लिए एसटीपी प्लांट की स्थापना, हर काम में आमजन की भागीदारी हो सकती है। इस नई योजना के माध्यम से परियोजना की कुल लागत का आधा खर्च उठाकर संबंधित व्यक्ति उसका पूरा क्रेडिट ले सकेगा।



त्रिस्तरीय पंचायतों के बीच हो बेहतरी की प्रतिस्पर्धा



ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत के अध्यक्षों व सदस्यों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने पंचायतों को आत्मनिर्भर होने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि पंचायतों के पास संपत्ति है, साधन है, जरूरत है कि नवाचार अपनाकर स्वावलम्बन के लिए प्रयास किये जाएं। सीएम ने कहा कि पंचायतों की बेहतरी के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का विकास हो, इसके लिए एक विशिष्ट प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाना चाहिए। क्षेत्र पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायतों के बीच, जिला स्तर पर क्षेत्र पंचायतों के बीच और प्रदेश स्तर पर जिला पंचायतों के बीच प्रतियोगिता कराकर उनके नवाचारों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने पंचायतों से सस्टनेबल विकास का मॉडल देने के लिए भी प्रोत्साहित किया।



महज आवागमन का माध्यम नहीं, विकास का परिपथ हैं सड़कें : योगी



वर्चुअल माध्यम से सम्पन्न ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों के लोकार्पण व शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कें केवल आवागमन का माध्यम भर नहीं हैं, यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का परिपथ भी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2000 में जिस प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को शुरू किया था, वह आज गांवों के उन्नति का माध्यम बन रही है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 500 या उससे अधिक आबादी वाले सभी मजदूरों को संपर्क मार्ग से जोड़ा जा चुका है। यही नहीं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में एफडीआर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। सीएम ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर आजमगढ़ और जौनपुर जिला पंचायतों में फुल डेप्थ रीक्लेमेशन पद्धति से सड़क निर्माण के लिए खुशी जाहिर की। उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष जौनपुर के अलावा पीएम ग्रामीण सड़क योजना से लाभान्वित बाराबंकी के रामनरेश, और रायबरेली के परशुराम का हाल-चाल भी लिया।



योगी ने कहा कि जो जिला पंचायतें अच्छा काम कर रही हैं उनकी पूरी जानकारी है। वहीं भ्रष्टाचारी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ हालिया कार्रवाईयों का हवाला देते हुए बिना ठोस कारण ठेकेदारों के देय भुगतान में विलंब न करने की चेतावनी भी दी। योगी ने जिला पंचायत अध्यक्षों को निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश भी दिए। कार्यक्रम में ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चैधरी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेंद्र तिवारी तथा राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने भी अपने विचार रखे।



मुख्यमंत्री ने दी गांवों को यह सौगात



1- पीएम ग्राम सड़क योजनांतर्गत 4,130.27 करोड़ रुपये की लागत से 6,208.45 किमी लंबे 886 ग्रामीण मार्गों के निर्माण कार्य का शुभारंभ।



2- 155 करोड़ रुपये की लागत से 1,930 किमी लंबे 692 ग्रामीण मार्गों के नवीनीकरण कार्य का लोकार्पण।



3- जिला पंचायतों के अंतर्गत हॉटमिक्स पद्धति से निर्मित होने वाले 195.07 करोड़ की लागत से 537.82 किमी लंबे 509 ग्रामीण मार्गों का लोकार्पण।



4- जिला पंचायतों के अंतर्गत हॉटमिक्स पद्धति से निर्मित होने वाले 33.75 करोड़ की लागत से 48.62 किमी लंबे 14 ग्रामीण मार्गों का शिलान्यास।