मुख्यमंत्री साय ने श्रीमद्भागवत कथा में किया श्रीकृष्ण-सुदामा प्रसंग का श्रवण
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रायपुर, 15 फरवरी (हि. स.)। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज शनिवार को राजधानी रायपुर के डुंडा स्थित अशोका पाम मिडोज कॉलोनी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में शामिल हुए। इस पावन अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराधा रानी से समस्त छत्तीसगढ़वासियों की सुख-समृद्धि, शांति और मंगलमय जीवन की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने व्यासपीठ का नमन करते हुए कथाव्यास पंडित कृष्ण गौड़ शास्त्री से आशीर्वाद लिया और श्रीकृष्ण-सुदामा प्रसंग का श्रवण किया।
मुख्यमंत्री साय ने कथाव्यास पंडित कृष्ण गौड़ शास्त्री का माता कौशल्या की पावन भूमि छत्तीसगढ़ में हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण अत्यंत सौभाग्य की बात है। यह न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि हमें धर्म, प्रेम और कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है। मैं आशा करता हूँ कि सभी श्रद्धालु इस कथा के दिव्य संदेश को आत्मसात करेंगे और इसे अपने जीवन में अपनाएंगे। भगवान श्रीकृष्ण हम सभी को शक्ति दें कि हम पूरे समर्पण और निष्ठा के साथ छत्तीसगढ़ की जनता की सेवा कर सकें।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भगवान श्रीराम के वनवास काल का अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बीता, और यहां उन्हें "भांचा" के रूप में सम्मान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने "श्रीरामलला दर्शन योजना" के तहत अब तक 20,000 से अधिक रामभक्तों को अयोध्या धाम में श्रीरामलला के दर्शन का सौभाग्य प्रदान किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री साय ने प्रयागराज महाकुंभ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि 144 वर्षों बाद यह शुभ संयोग आया है, और छत्तीसगढ़ सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए महाकुंभ में 'छत्तीसगढ़ पवेलियन' की विशेष व्यवस्था की है। इस पवेलियन में निःशुल्क आवास, भोजन और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं, ताकि छत्तीसगढ़ से जाने वाले श्रद्धालु सुविधापूर्वक स्नान, दर्शन और धार्मिक अनुष्ठान कर सकें।
मुख्यमंत्री ने श्रीमद्भागवत कथा के सफल आयोजन के लिए सभी आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आध्यात्मिक आयोजन समाज में सकारात्मक ऊर्जा और धार्मिक चेतना का संचार करते हैं। इस अवसर पर भूपेंद्र सवन्नी, राजीव अग्रवाल,सरल मोदी सहित श्रीमद्भागवत कथा के आयोजकगण, स्थानीय गणमान्यजन और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।