इनामी डकैत नरेशा धीमर के साथी की जमानत अर्जी खारिज

कोर्ट ने ट्रायल यथाशीघ्र पूरा करने का दिया निर्देश

इनामी डकैत नरेशा धीमर के साथी की जमानत अर्जी खारिज

प्रयागराज, 18 जुलाई । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समूह में हमला कर पुलिस कांस्टेबल की हत्या व कई को घायल करने के आरोपी को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है और सत्र अदालत को यथाशीघ्र विचारण पूरा करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा सामाजिक शांति व समाज की भलाई सुनिश्चित करने के लिए आदतन अपराधी को जमानत पर रिहाई नहीं की जा सकती। 14 वर्ष 8 माह से जेल में बंद याची की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने रमेश उर्फ पन्ना की अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।

याची सहित अन्य सह अभियुक्तों के खिलाफ शाहजहांपुर के जलालाबाद थाने में हत्या,हत्या का प्रयास,बलवा कर फायरिंग करने के आरोप में एफ आई आर दर्ज कराई गई है। कहा गया कि आई जी जोन बरेली ने 50 हजार के इनामी डकैत नरेशा धीमर गिरोह द्वारा कुछ लोगों का अपहरण करने की सूचना पर पुलिस बल भेजने का आदेश दिया। पुलिस चचुआपुर कटरी गांव पहुंची तो समूह ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग के बाद दो अपहृत मुक्त कराये गये। नरेश,भूरा उर्फ कोटेदार, जन्टरू, मैकू उर्फ चेला उर्फ चैंपियन राजकुमार यादव व अन्य के द्वारा बलवा किया गया। फायरिंग से बृजेश, बब्लू व अन्य घायल हुए और कांस्टेबल यशवीर की गोली लगने से मौत हो गई।


याची का कहना था कि उसे फंसाया गया है। उसका नाम 10 महीने बाद आया है। उसे घर से गिरफ्तार किया गया है। 14 वर्ष 8 माह से जेल में बंद हैं। वह मजदूरी कर परिवार को पालता था। सह अभियुक्त बच्चे लाल को जमानत मिल चुकी है। इसलिए उसे भी जमानत पर रिहा किया जाए।


सरकारी वकील का कहना था कि समूह में पुलिस पर हमला कर हत्या का जघन्य अपराध किया है। इसके खिलाफ पांच आपराधिक केस दर्ज है। यह डकैत धीमर गैंग का सक्रिय सदस्य हैं। आदतन अपराधी है। जमानत अर्जी निरस्त की जाय।