योगी सरकार का दावा, छह वर्ष में रिकॉर्ड 2.14 लाख करोड़ गन्ना मूल्य का भुगतान
शुरु हुईं दो नई चीनी मिलें, चार बंद मिलों का दोबारा संचालन और 30 की क्षमता में विस्तार
लखनऊ, 27 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का दावा है कि पिछले छह वर्षों में सरकार ने गन्ना किसानों को रिकॉर्ड 2.14 लाख करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि योगी सरकार ने सबसे पहले प्रदेश में बंद चीनी मिलों को दोबारा शुरू कराया और बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान पर फोकस किया।
प्रवक्ता के अनुसार योगी सरकार के प्रयासों से चीनों मिलों का संचालन सुधरा तो चीनी का उत्पादन भी अधिक हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर आज प्राथमिकता के तहत किसानों का नियमित भुगतान भी हो रहा है। इससे चीनी की मिठास और बढ़ गयी। साथ ही प्रति हेक्टेयर गन्ने की उत्पादकता पर भी जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 में प्रदेश में जहां प्रति हेक्टेयर 72.38 मैट्रिक टन गन्ने का उत्पादन हो रहा था, वहीं आज यह बढ़कर प्रति हेक्टेयर 82.31 मैट्रिक टन हो गया है। पिछले 6 वर्षों में प्रति हेक्टेयर 9.93 मैट्रिक टन गन्ने के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। इससे गन्ना किसानों को प्रति हेक्टेयर में 349 रुपये प्रति कुंतल की दर से 34,656 रुपये का अतिरिक्त लाभ मिल रहा है।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी के प्रयास से आज उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के लिए 120 चीनी मिलें संचालित हैं। इन चीनी मिलों द्वारा वर्ष 2021-22 में 1,016.26 लाख टन गन्ने की पेराई की गयी थी। इससे 101.98 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। वहीं 2022-23 में अब तक 1,098.31 लाख टन गन्ने की पेराई की जा चुकी है, जिससे 105.41 लाख टन चीनी का उत्पादन किया जा चुका है। पिछले 6 वर्षों में चीनी मिलों द्वारा रिकार्ड 6,403 लाख टन गन्ने की पेराई की गयी, जिससे रिकार्ड 683.07 लाख टन चीनी का उत्पादन किया जा चुका है। इतना ही नहीं, प्रदेश में 2 नई चीनी मिलों की स्थापना की गयी और 4 चीनी मिलों को दोबारा शुरू कराने के साथ 30 चीनी मिलों की क्षमता में विस्तार किया गया, जिससे चीनी मिलों में कुल 78,900 टीसीडी की अतिरिक्त पेराई क्षमता का सृजन हुआ।
एथनॉल उत्पादन में रिकार्ड 160 करोड़ लीटर की हुई वृद्धि
उन्होंने आगे बताया कि पिछली सरकार में जहां प्रदेश का औसत चीनी परता 10.61 प्रतिशत थी, वहीं योगी सरकार में चीनी परता बढ़कर 11.43 प्रतिशत हो गया है। इसमें बी-हैवी शीरे एवं सीधे गन्ने से 9.60 प्रतिशत एथेनॉल उत्पादन शामिल है। योगी सरकार ने खांडसारी नीति में बदलाव करते हुए प्रदेश में ऑनलाइन खांडसारी लाइसेंसिंग व्यवस्था लागू की गयी थी। इसका नतीजा ये रहा कि प्रदेश में 284 नई खांडसारी इकाईयों की स्थापना की गयी, जिससे 31,690 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध हुए। योगी सरकार ने देश में एथेनॉल के उत्पादन में भी रिकॉर्ड बनाया है। वर्ष 2016-17 में जहां प्रदेश में एथेनॉल का कुल उत्पादन 42.07 करोड़ लीटर था, वहीं वर्तमान में यह बढ़कर 160 करोड़ लीटर तक पहुंच गया है।
गन्ना बीज उत्पादन और वितरण से जुड़ी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप गन्ना विभाग ने महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें रोजगार से जोड़ा। विभाग ने कोविड-19 महामारी के दौरान ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को गन्ना बीज उत्पादन और वितरण से जोड़ा। वर्तमान में इन कार्यों में 3,196 महिला स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिसमें 60,000 ग्रामीण महिला उद्यमी जुड़कर गन्ने की पौध के उत्पादन कर अपना जीवकोपार्जन कर रही हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा अब तक 38 करोड़ गन्ना पौध का उत्पादन किया जा चुका है जबकि इसका वितरण कर 102 करोड़ की आमदनी की गयी। महिला स्वयं सहायता समूहों ने पिछले कई वर्षों में गन्ना प्रजाति एवं बीज बदलाव में अग्रणी भूमिका निभायी है।