वेद छात्रों ने वैदिक मंत्रों से किया नये साल का स्वागत
वेद छात्रों ने वैदिक मंत्रों से किया नये साल का स्वागत

महाकुम्भ नगर, 31 दिसंबर (हि.स.)। झूसी स्थित श्री परमानन्द आश्रम में संचालित श्री स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि वेद विद्यालय में वेद छात्रों ने सस्वर वैदिक मंत्रों का उच्चारण कर नये साल का स्वागत किया। वेदाचार्यों की देखरेख में श्री स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि वेद विद्यालय में हवन की आहुति के जरिये 2024 का आभार और 2025 के मंगलमय होने की कामना की गई। मानवता एवं विश्व कल्याण के लिए स्वस्ति वाचन एवं शांति करण मंत्रों का पाठ हुआ। इस संबंध में जानकारी मंगलवार को हरिद्वार से पधारे संत एवं संस्था के उपाध्यक्ष स्वामी शरद पुरी ने दी।
उन्होंने बताया कि महाकुंभ के दौरान आम श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से नियमित वेद मंत्रों का पाठ किया जाएगा। वेद मंत्रों के उच्चारण से वातावरण शुद्ध होता है। व्यक्ति के मन, शरीर व आत्मा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद सनातन धर्म की आधारशिला हैं। इनकी रचना वैदिक काल में हुई, जब ऋषियों ने ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने के लिए तपस्या और ध्यान के माध्यम से "श्रुति" (ईश्वरीय वाणी) को सुना और उसे मंत्रों के रूप में संकलित किया। इन वेदों के भीतर एक लाख मंत्र समाहित हैं। इनको समझने और उनके अर्थ को आत्मसात करने वाले ऋषियों को "मंत्र दृष्टा" कहा जाता है। कुंभ के आयोजन का मुख्य आधार वैदिक ज्ञान और ज्योतिषीय गणनाएं हैं। माना जाता है कि कुंभ का आयोजन उस समय किया जाता है जब ग्रह-नक्षत्र एक विशेष संयोग में होते हैं।
पच्चीस वर्ष से संचालित श्री स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि वेद विद्यालय
उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से 25 वर्षों से संचालित श्री स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि वेद विद्यालय के सामवेदाचार्य वेद मूर्ति ब्रजमोहन पांडेय ने बताया कि वेद पाठशाला में बच्चों को शुक्ल यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद और ऋग्वेद के मंत्र सस्वर कंठस्थ कराए जा रहे हैं। वेदों की पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को संस्कृत, अंग्रेजी, गणित, सामाजिक विषय पढ़ाया जाता है। ताकि उनमें सामाजिक भावना भी आए। संस्था की कोशिश है कि यहां पढ़ने वाले वेद छात्र अपनी प्राचीन परंपरा और आधुनिक परंपरा दोनों को सीख सकें। इसके लिए बच्चों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जाता है। यहाँ बच्चे सिर्फ वेदों की पढ़ाई ही नहीं करते, बल्कि खेल-कूद, पेंटिंग, बागवानी व अन्य व्यावहारिक प्रशिक्षण भी लेते हैं। बच्चों को यहां क्रिकेट, कबड्डी, बैडमिंटन जैसे खेल भी खेलने को मिलता है। बच्चों को योग के जरिए ध्यान लगाने की भी ट्रेनिंग दी जाती है।
कार्यक्रम का संयोजन ब्रजमोहन पांडेय और खिमलाल न्योपाने ने किया। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जीवन उपाध्याय, गौरव जोशी, अवनीश पाण्डेय, कृष्णकुमार मिश्र, शिवानंद द्विवेदी, अवनी सिंह, अंजनी कुमार सिंह आदि ने योगदान दिया।