पैराेल लेकर फरार हुए कैदी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पैराेल लेकर फरार हुए कैदी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
नई दिल्ली, 14 अप्रैल । दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हत्या के मामले में पैराेल लेकर फरार हुए भारतीय सेना के भूतपूर्व सिपाही अनिल कुमार तिवारी को 20 साल के बाद गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच के डीसीपी आदित्य गौतम ने सोमवार को बताया कि अनिल के खिलाफ दिल्ली कैंट थाने में 14 मई 1989 में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने 31 मई को आरोपित को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया और आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई। उसके बाद 2005 में आरोपित को दो सप्ताह की पैरोल मिली। पैरोल मिलने के बाद आरोपित मौके से फरार हो गया। तब से पुलिस आरोपित की तलाश कर रही थी।
डीसीपी के अनुसार क्राइम ब्रांच ने फरार कैदियों को पकड़ने का अभियान चला रखा है। इसी क्रम में आरोपित अनिल के बारे में पुलिस टीम को सूचना कि वहप्रयागराज उप्र में देखा गया है। सूचना को पुख्ता कर क्राइम ब्रांच की दो टीमों को प्रयागराज भेजा गया। वहां जांच करने पर पता चला कि आरोपित अपने गांवमध्य प्रदेश भाग गया है। पुलिस की एक टीम को मध्य प्रदेश भेजा गया, जहां गुप्त सूचना के आधार पर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि 1981 में मध्य प्रदेश निवासी एक लड़की से उसने शादी की। बाद में वह 1986 में दिल्ली कैंट दिल्ली के ऑर्डिनेंस कोर यूनिट में ड्राइवर के रूप में भारतीय सेना में शामिल हो गया। उसने 18 वर्षों तक भारतीय सेना में सेवा की और भारत के विभिन्न हिस्सों में तैनात रहा। आरोपित ने पूछताछ में बताया कि छोटी-छोटी बातों को लेकर उसका रोज पत्नी से झगड़ा होता था।
14 मई 1989 में उसने पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। उसके बाद शव को जलाकर घटना को आत्महत्या का रूप दिया लेकिन पुलिस की जांच में मामला
खुल गया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपित अनिल ने आगे खुलासा कि उसे अच्छी तरह से पता था कि पुलिस उसे पकड़ लेगी। पुलिस से बचने के लिएमोबाइल फोन को बंद कर दिया। पैरोल से भागने के बाद उसने कभी फोन का इस्तेमाल नहीं किया। इसके अलावा वह रहने की जगह बदलता रहा।