UP: प्रत्येक थाने में एकत्रित जब्त वाहनों का अभियान चलाकर होगा निस्तारण

प्रत्येक थाने में टॉप 10 अपराधियों पर रहेगी कड़ी नजर

लखनऊ, 11 अप्रैल । प्रदेश की कानून व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, सुशासन एवं शान्ति व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के लिए शासन द्वारा गम्भीरता से प्रयास किये जा रहे हैं। साथ ही प्रदेश की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ किये जाने के विशेष प्रयास हो रहे हैं।

अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने सोमवर को बताया कि शासन के निर्देश पर प्रत्येक जनपद की कानून व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जायेगा। इसके अलावा यातायात निदेशालय से प्रत्येक जनपद की यातायात व्यवस्था सुदृढ़ करने की कार्य योजना मांगी गयी है।

पीआरवी-112 के माध्यम से भी नियमित पेट्रोलिंग की व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा रहा है तथा इसके लिए जनपद स्तर पर पुलिस आयुक्त एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्तर पर जरूरी समीक्षा कर जनपदवार कार्य योजना शासन द्वारा पुलिस मुख्यालय के माध्यम से मांगी गयी है। यह भी निर्देश दिये हैं कि प्रत्येक थाने में एकत्रित जब्त-शुदा वाहनों को अभियान चलाकर व न्यायालय से आदेश प्राप्त कर यथाशीघ्र निस्तारण की कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये। इस सम्बंध में जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह सुनिश्चित करेंगे कि आगामी 60 दिनों में थाना प्रांगण में कोई भी जब्त-शुदा वाहन न रह जाये। यदि उक्त वाहनों का समयबद्ध निस्तारण नहीं हो सकता है तो जनपद स्तर पर जिला व पुलिस प्रशासन समन्वय स्थापित कर उक्त वाहनों को अन्यत्र स्थान चिन्हित कर शिफ्ट कराना सुनिश्चित करेंगे।

प्रत्येक जनपद से विभिन्न प्रकार के माफियाओं, खनन, शराब, पशु, वन तथा भू-माफियाओं को गैंगेस्टर एक्ट में चिन्हित कर जिला व पुलिस प्रशासन की संयुक्त रिपोर्ट भी मांगी गयी है। उक्त माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था से समन्वय स्थापित कर कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।

इसी प्रकार सभी जिलों के प्रत्येक थाने में टॉप-10 अपराधियों को चिन्हित कर इनके विरूद्ध नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही करने तथा उन पर सतर्क दृष्टि रखने के निर्देश दिये गये हैं। चिन्हित अपराधियों द्वारा यदि किसी भी जनपद में अपराध किया जाता है तो सम्बन्धित थाना स्तर एवं उस जनपद के अन्य सम्बन्धित पुलिस अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा।

प्रदेश की प्रत्येक तहसील में अग्निशमन केन्द्रों की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के भी निर्देश दिये गये हैं। अग्निशमन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा गया है कि जो अग्निशमन केन्द्र निर्माणाधीन हैं, उनमें से आगामी 100 दिनों में कम से कम 50 अग्निशमन केन्द्रों को क्रियान्वित कर दिया जाय तथा जिन तहसीलों में अग्निशमन केन्द्र नहीं है वहां फायर टेण्डर की अस्थायी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।