बाबा साहेब जिस लोकतंत्र को प्रतिष्ठा दी थी, आज उस पर मंडरा रहा खतरा : अखिलेश यादव
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने डाॅ आम्बेडकर जयंती पर कहा, वे समाज को नई दिशा देना चाहते थे
लखनऊ, 06 दिसम्बर । बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने जिस संविधान की रचना की थी और लोकतंत्र को प्रतिष्ठा दी थी, आज उस पर खतरा मंडरा रहा है। भाजपा का न तो लोकतंत्र में विश्वास है और न ही संविधान में आस्था है। भाजपा संविधान और उसमें उल्लिखित संस्थाओं को भी कमजोर करना चाहती है। ये बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कही। ये बातें उन्होंने डाॅ भीमराव आम्बेडकर के 66वें परिनिर्वाण दिवस पर कही।
उन्होंने कहा कि डॉ अम्बेडकर और डॉ लोहिया मिलकर समाज को नई दिशा देना चाहते थे। उनके अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए अम्बेडकरवादियों और समाजवादियों को मिलकर सत्ता परिवर्तन कर नया भारत बनाना है। सन् 2022 में जो विधानसभा चुनाव होंगे वे इस दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण और निर्णायक होंगे। उन्होंने बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे विधि विशेषज्ञ के साथ अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री भी थे। दुनिया भर में बाबा साहेब का सम्मान है। उन्होंने अस्पृश्यता को अमानवीय करार देते हुए वंचित दलित समाज का स्वाभिमान जगाने और उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलम्बी तथा शिक्षित बनाने पर बल दिया।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की नीतियां जनविरोधी हैं। भाजपा की इन नीतियों के कारण बेरोजगारी बढ़ी है। कहा कि आरएसएस की विचारधारा से भारत खतरे में है। भाजपा-आरएसएस दोनों आरक्षण समाप्त करने और मौलिक अधिकारों पर हमला करते हैं।
इस अवसर पर रामजी सुमन एवं मिठाई लाल भारती सहित कई वक्ताओं ने कहा कि डॉ अम्बेडकर और डॉ राम मनोहर लोहिया के विचारों में काफी समानता है। समाजवादी विचार से ही समानता और सम्पन्नता आएगी। समाजवादी 2022 में भाजपा को हटाने को संकल्पित है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी, पूर्व मंत्रीगण आर.के. चौधरी, शंख लाल मांझी, जयशंकर पाण्डेय, राम आसरे विश्वकर्मा, पूर्व सांसद डॉ अशोक पटेल, डॉ बी. पाण्डेय, संजय गर्ग विधायक, अरविन्द कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।