शिक्षक प्रशिक्षण परियोजना एनईपी ओरिएंटेशन एवं सैंसिटाइजेशन का शुभारम्भ

शिक्षक प्रशिक्षण परियोजना एनईपी ओरिएंटेशन एवं सैंसिटाइजेशन का शुभारम्भ

शिक्षक प्रशिक्षण परियोजना एनईपी ओरिएंटेशन एवं सैंसिटाइजेशन का शुभारम्भ

प्रयागराज, 05 जनवरी। राष्ट्रीय शिक्षानीति 2020 में शिक्षा को वैश्विक, कल्याणकारी और मानवता रक्षक के रूप में सृजित करने की रूपरेखा निर्मित की गई है। इसके अंतर्गत भाषा का सवाल, मातृभाषा में शिक्षा, समग्र और बहुआयामी शिक्षा, भारतीयता के प्रश्न और भारतीय ज्ञान के प्रश्न पर संस्कारों की शिक्षा और आचरण की शिक्षा को समर्पित किया गया है।

शुक्रवार को मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर ईश्वर शरण पीजी कॉलेज द्वारा यूजीसी एवं शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की महत्वाकांक्षी शिक्षक प्रशिक्षण परियोजना एनईपी ओरिएंटेशन एवं सैंसिटाइजेशन प्रोग्राम का शुभारम्भ ऑनलाइन मोड में किया गया। मुख्य अतिथि प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.आनंद शंकर सिंह ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षानीति कैसे हमको एक बहुआयामी दृष्टि दे रही है, इसी को समझने के लिए भारत सरकार ने एक शिक्षक प्रशिक्षण का प्रारूप तैयार किया है। जिसके अंतर्गत प्रशिक्षित होकर हमारे शिक्षक उद्देश्यों को पूरा करने में महती भूमिका का निर्वाह कर सकेंगे।

विशिष्ट वक्ता प्रो. जी.डी शर्मा भूतपूर्व सचिव यूजीसी नई दिल्ली ने ‘‘हॉलिस्टिक एजुकेशन एंड मल्टी डिसीप्लिनैरिटी’’ विषय पर कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय ज्ञान परम्परा को पुनः शिक्षा के केंद्र में लाने का एक बेहतर प्रयास है। जिसके अंतर्गत महाविद्यालय की स्वायत्तता, विभागों की स्वायत्तता और विषयों की स्वायत्तता पर जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षानीति 2020 विद्यार्थियों के समग्र एवं बहुमुखी विकास पर केंद्रित है। जो हमें अपनी जड़ों, सांस्कृतिक विरासत और अपने समृद्ध ज्ञान परम्परा की ओर फिर से देखते हुए समकालीन वैश्विक पर्यावरण में भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में एक सार्थक संकल्प है।


डॉ रिचा चोपड़ा, आईआईटी खड़गपुर पश्चिम बंगाल ने ‘‘माइंड एंड मेंटल हेल्थ : एक्सपोजिशंस फ्रॉम योगसूत्र ऑफ पतंजलि’’ विषय पर कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा में पतंजलि के योगसूत्र का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। मस्तिष्क एवं मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति के लिए एक मौलिक आवश्यकता है। जिसके माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति जीवन के बहुआयामी व्यक्तित्व के विकास हेतु विविध रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से अपने उद्देश्य, लक्षण एवं सामाजिक प्राणी के रूप में समाज, राष्ट्र और समुदाय को सशक्त बना सकता है।

संचालन व स्वागत कार्यक्रम के संयोजक डॉ शिवजी वर्मा एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के सहसंयोजक डॉ शैलेश कुमार यादव ने किया। इस अवसर पर मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर के सहायक निदेशक डॉ मनोज कुमार दुबे एवं महाविद्यालय के वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ शिवहर्ष सिंह, डॉ शाइस्ता इरशाद, डॉ अरविंद कुमार मिश्र, डॉ अखिलेश पाल तथा भारत के विविध राज्यों व शिक्षण संस्थानो से लगभग 113 शिक्षक प्रतिभागी उपस्थित रहे।