उप्र में धार्मिक पर्यटन स्थलों पर हुए लाभ का अध्ययन कराएं: योगी

अयोध्या, मथुरा, काशी, प्रयागराज धार्मिक पर्यटन के महत्वपूर्ण केंद्र

उप्र में धार्मिक पर्यटन स्थलों पर हुए लाभ का अध्ययन कराएं: योगी

लखनऊ, 11 जून । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, काशी, प्रयागराज, नैमिषारण्य इसके महत्वपूर्ण केंद्र हैं। विगत 07 वर्षों में यहां व्यापक परिवर्तन हुआ है। टूरिस्ट फुटफॉल अभूतपूर्व रूप से बढ़ा है। यह टूरिस्ट फुटफॉल लोकल इकॉनमी को बढ़ावा देने वाला है। इस पर अध्ययन कराएं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अगले वर्ष प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन है। करोड़ों लोगों का आगमन होगा। यह पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बड़ा असर डालने वाला होगा। इस पर अध्ययन होना चाहिए। घरेलू पर्यटकों के साथ-साथ हमें विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनानी होगी।

उन्होंने बताया कि होटल, रेस्टोरेंट, ट्रान्सपोर्ट, संचार, रियल एस्टेट, प्रोफेशनल सर्विस, लोक सेवा, रक्षा व अन्य सेवाओं वाले तृतीयक खंड में प्रदेश तेजी से तरक्की कर रहा है। पर्यटन सेक्टर से जुड़ी सेवाओं में अभूतपूर्व विकास हुआ है। 2023 में घोषित पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की रिपोर्ट के अनुसार 2022 में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक पर्यटक आगमन वाला प्रदेश हो गया है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 के सापेक्ष 2023-24 में प्रदेश में पंजीकृत कुल (कॉमर्शियल) वाहनों में 36.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश में कुल पंजीकृत वाहनों में प्रदेश की हिस्सेदारी 12.7 प्रतिशत है। इसे और बढ़ाने के लिए नीतिगत प्रयास किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश की बेरोजगारी दर 2017-18 में जहां 6.2 प्रतिशत थी आज 2.4 प्रतिशत रह गई है। इसके साथ महिला श्रम बल में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। यह 2017-18 में 13.5 प्रतिशत थी आज 2022-23 में 31.2 प्रतिशत तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की पूर्ति के लिए हमें निजी और सार्वजनिक निवेश को और बढ़ाना होगा। नीतिगत सुधारों के क्रम सतत जारी रखें। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों में से 10 लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाएं धरातल पर उतरी जा चुकी हैं। शेष एमओयू की समीक्षा करें, निवेशकों से संवाद करें। हमें यथाशीघ्र अगले जीबीसी की तैयारी करनी चाहिए।

सीएम योगी ने कहा कि निवेशकों से संपर्क-संवाद का क्रम जारी रखना चाहिए। नए सेक्टर-नए निवेशकों से भी संवाद करें। उन्हें प्रदेश की यूएसपी से अवगत करायें। इन्वेस्टर आउटरीच को और बेहतर करने की आवश्यकता है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों को अपनी परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भूमि की आवश्यकता होगी। सभी विकास प्राधिकरणों को अतिरिक्त प्रयास करना होगा। ऐसी भूमि जो आवंटित है लेकिन उपयोग नहीं की जा रही है,उनका चिन्हांकन करें। उनके बारे में यथोचित निर्णय लें। 'सिक यूनिट' की पहचान कर उनके सदुपयोग के बारे में निर्णय लें। इंडस्ट्रियल क्लस्टर की कार्ययोजना को आगे बढ़ाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागीय मंत्री व एसीएस व प्रमुख सचिव के साथ नियोजन विभाग द्वारा मासिक प्रगति समीक्षा की जाए। मुख्य सचिव स्तर पर हर सप्ताह एक सेक्टर की समीक्षा की जाए। जिला उद्योग केंद्रों को और एक्टिव करें।