उप्र के हर गांव में स्थापित होगा 'शिलाफलम', जलस्रोतों के पास लगेगी स्मारक पट्टिका
‘मेरी माटी मेरा देश’ के तहत शिलाफलम लगाने को योगी सरकार ने दिए निर्देश
लखनऊ, 02 अगस्त । भारत की आजादी के 75 साल (आजादी का अमृत महोत्सव) पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पूरे देश में आयोजित होने जा रहे ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश में पूरे उत्साह के साथ मनाने की तैयारी की गई है। इसके तहत प्रदेश भर में 09 अगस्त से विभिन्न कार्यक्रमों की शृंखला की शुरुआत होगी, जो 25 अगस्त तक ब्लॉक, नगर निगम, राज्यस्तर पर जारी रहेगी। इन कार्यक्रमों में ग्राम पंचायत स्तर पर शिलाफलम की स्थापना भी की जानी है और योगी सरकार ने प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायतों में शिलाफलम स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।
योगी सरकार ने ये भी निर्देश दिया है कि कुछ स्थानों पर एक से अधिक शिलाफलम भी स्थापित किए जा सकते हैं। यह शिलाफलम एक स्मारक पट्टिका है, जिसे अमृत सरोवरों, जलाशयों व अन्य जलस्रोतों के पास लगाई जानी है। उल्लेखनीय है कि मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम बीते वर्ष हर घर तिरंगा कार्यक्रम की तर्ज पर प्रदेश के समस्त ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आयोजित किया जाना है। इसके तहत प्रदेश के हर गांव व शहर की माटी को कलश में भरकर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और देश की राजधानी दिल्ली में संग्रहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘मेरा माटी मेरा देश’ कार्यक्रम को राष्ट्र के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन का कार्यक्रम करार दिया है। उनकी मंशा के अनुरूप प्रत्येक जनपदों में इन कार्यक्रमों की रूपरेखा तय कर दी गई है। इसमें शिलाफलम की स्थापना को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्देश दिया गया है। इसके अनुसार, प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक स्मारक पट्टिका अवश्य स्थापित की जाए। इसका साइज 5 फीट x 3 फीट होना चाहिए। यदि स्थान अधिक हो तो 5ः3 अनुपात में आकार को बढ़ाया जा सकता है। यह पट्टिका अमृत सरोवरों, जलाशयों, जलस्रोतों के पास लगाई जा सकती है। यदि जलस्रोत नहीं हो तो ग्राम पंचायत कार्यालय अथवा विद्यालयों के आसपास स्थापित किया जा सकता है। शिलाफलम के निर्माण में स्थानीय सामग्री एवं संसाधनों को उपयोग करते हुए मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्य निष्पादित किया जा सकता है। शिलाफलम के डिजाइन में एकेएएम (आजादी का अमृत महोत्सव) का लोगो, विजन 2047 के लिए प्रधानमंत्री का संदेश, स्थानीय वीरों के नाम और पंचायत का नाम अनिवार्य रूप से अंकित किया जाएगा।
शिलाफलम में शहीदों के नाम को भी मिलेगा स्थान
शासन द्वारा जारी निर्देश के अनुसार जहां स्थानीय वीर नहीं हैं या उनके नाम उपलब्ध नहीं है उन स्थानों पर देश के लिए समर्पित जनसामान्य का उपयोग किया जा सकता है। शिलाफलम की कलाकृति आकृति में एकेएएम का लोगो, एकेएएम 2047 का विजन, विचार, पंचायत का नाम और तिथि शामिल होनी चाहिए। स्थानीय वीरों का नाम स्थानीय स्तर पर जोड़ा जाएगा। स्थानीय वीरों की सूची में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सैन्य कर्मी (सेना, नौसेना, वायु सेना जो ड्यूटी के दौरान देश की सेवा करते हुए शहीद हुए) और राज्य पुलिस बल, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के वो कर्मी जो ड्यूटी के दौरान शहीद हुए, सम्मिलित किए जा सकते हैं।
शिलाफलम में प्रधानमंत्री का संदेश भी होगा शामिल
शिलाफलम में अनिवार्य रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उक्ति को सम्मिलित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा है कि मातृभूमि के लिए प्रत्येक दिन, प्रत्येक क्षण और जीवन के प्रत्येक कण का जीना, स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसके अलावा शिलाफलम में जन-जन के नारे भी समाहित किए जा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर पहला नारा है, मातृभूमि की स्वतंत्रता और उसके गौरव की रक्षा के लिए बलिदान हुए वीरों को शत-शत नमन। दूसरा उदाहरण-मातृभूमि की स्वतंत्रता और गौरव की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को शत-शत नमन।