बॉलीवुड की काली दुनिया की सच्चाई दिखाती ''शशांक''
बॉलीवुड की काली दुनिया की सच्चाई दिखाती ''शशांक''
बॉलीवुड की नेपोटिज्म, नशे और भाई भतीजावाद की खबर लम्बे समय से मीडिया में सुर्खियां बटोर रही हैं। अब इसी विषय पर बनी फ़िल्म शशांक इस सप्ताह हंगामा ओटीटी पर रिलीज हुई है। अभिनेता रवि सुधा चौधरी की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म शशांक बॉलीवुड में फैली बुराइयों को एक दिलचस्प कहानी के माध्यम से दिखाती है। आइए जानते हैं कैसी है फ़िल्म-
फ़िल्म की कहानी शुरू होती हैं दो प्रेमी राजीव (राजवीर सिंह) और फ़िरदौस (मुस्कान वर्मा) बॉलीवुड में अपने क़िस्मत को आजमाने के लिए अपने गांव से मुंबई आ जाते हैं, लेकिन मुंबई पहुचने पर रेलवे स्टेशन से ही फ़िरदौस गायब हो जाती हैं और राजीव अकेले शहर में उससे मिलने की उम्मीद में भटकता रहता हैं। फ़िरदौस के सपने बड़े हैं और उसे पाने के लिए वह किसी भी समझौते के लिए तैयार हैं। फ़िल्म निर्माता वाज़िद लोखंडवाला (आर्य बब्बर) फ़िरदौस को यंग स्टार सुशांत की फ़िल्म में अभिनेत्री बनाने का वादा करता हैं। शशांक एक सफल अभिनेता हैं लेकिन बॉलीवुड में मतलब के रिश्तों से उसे बहुत शिकायत हैं। सुशांत अपनी गर्लफ़्रेंड को बहुत प्यार करता है। उसके गर्लफ़्रेंड शिकायत है कि सुशांत ने उसे किसी फ़िल्म में काम नहीं दिया। सुशांत को उसकी गर्लफ़्रेंड नशे की शिकार बना देती है। सुशांत के स्टारडम से बॉलीवुड के कुछ लोग बहुत परेशान हैं। धीरे-धीरे साज़िश का शिकार सुशांत एक दिन करियर में खुद को बहुत पीछे पाता है।
फ़िल्म की कहानी सनोज मिश्रा ने लिखी हैं। वह फ़िल्म के निर्देशक भी हैं। पिछले दिनों कई घटनाएं मीडिया के माध्यम से सबको पता हैं। इन घटनाओं को फ़िल्म में नाटकीय तरीके से दिखाया गया है। फिल्म के मुख्य किरदार सुशांत को पर्दे पर रवि सुधा चौधरी बहुत स्वाभाविक तरीके से प्रस्तुत करते हैं। एक बड़े स्टार जो अपनी ही इंडस्ट्री के षड्यंत्र में फंसा है, इस दुविधा को अपने अभिनय से पर्दे पर अच्छे से दिखाते हैं। निर्माता वाज़िद लोखंडवाला के किरदार में आर्य बब्बर अपने अभिनय से प्रभावित करते हैं।
शशांक फिल्म उद्योग में प्रचलित विभिन्न मुद्दों पर संवाद करती हैं। बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और उत्पीड़न जैसे विषयों को छूती हैं। फिल्म का गाना करोना हैं यह बहुत ही इनरेस्टिंग बन पड़ा हैं। यथार्थवादी पृष्ठभूमि पर बनी फ़िल्म शशांक बॉलीवुड के ग्लैमरस दुनिया के काले पक्ष को दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत करती है। फिल्म संघर्षरत अभिनेताओं की दुर्दशा को भी उजागर करती है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं। इसलिए यह फ़िल्म एक बार ज़रूर देखनी चाहिए
बैनर: रुद्रांश सिने क्राफ़्ट्स , रोर प्रोडक्शन, परमार प्रोडक्शन
प्लेटफार्म: ओटीटी ( हंगामा)
कलाकार: रवि सुधा चौधरी, आर्य बब्बर ,राजवीर सिंह , नवल शुक्ला , मुस्कान वर्मा, अपर्णा मलिक
निर्देशक: सनोज मिश्रा
निर्माता: रवि सुधा चौधरी , मारुत सिंह
संगीत: पर्सी , आदित्य रॉय
रेटिंग: 3 स्टार