जनता की समस्याओं का ब्लाॅक व तहसील स्तर पर होगा समाधान

जनता की समस्याओं का ब्लाॅक व तहसील स्तर पर होगा समाधान

जनता की समस्याओं का ब्लाॅक व तहसील स्तर पर होगा समाधान

लखनऊ, 28 अप्रैल । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम लोगों के जीवन में सुगमता लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब लोगों को जिला या राज्य मुख्यालय स्तर पर चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी। अब गांव, ब्लॉक और तहसील स्तर पर ही जनता की समस्याओं का समाधान होगा।

मुख्यमंत्री योगी ने पहले कार्यकाल में प्रदेश में 58 हजार ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों का निर्माण कराया था और 56,366 पंचायत सहायकों की नियुक्ति की गई है। सीएम योगी ने ग्राम सचिवालयों में रोजाना बैठक करने, महिला पुलिस कर्मी को बीट अधिकारी के रुप में, लेखपाल और ग्राम विकास अधिकारी को गांव में सप्ताह में कम से कम एक दिन जाने के निर्देश दिए हैं। इसी ग्राम सचिवालय में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) से जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र, खसरा, खतौनी, परिवार रजिस्टर की नकल आदि सुविधाएं भी ग्राम पंचायत में ही मिलेंगीं। बैंकिंग सुविधाओं के विस्तार के लिए 58 हजार बैंकिंग सखी (बीसी सखी) भी नियुक्त की गई है।

ब्लॉक दिवस पर होंगे विकास खंड से जुड़े सभी अधिकारी

लोगों की समस्याओं का स्थानीय स्तर पर ही समाधान हो, इसलिए माह के हर प्रथम और तृतीय शनिवार को तहसील दिवस, दूसरे और चौथे शनिवार को थाना दिवस, ब्लॉक दिवस का आयोजन किया जाएगा। थाना दिवस का आयोजन थाने पर, ब्लॉक दिवस का आयोजन ब्लॉक कार्यालय पर किया जाएगा। ब्लॉक दिवस पर विकास खंड से जुड़े सभी अधिकारी प्रकरणों और समस्याओं का निस्तारण करेंगे। इसके अलावा कमिश्नर, रेंज और जोन स्तर के अधिकारी अलग-अलग जिलों में और डीएम-एसएसपी को जिले में रात्रि विश्राम करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सोमवार से शुक्रवार तक कार्यालयों में लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए हैं।

अब गांवों में मिले फीड बैक पर सीएम योगी करेंगे बैठक

पिछली सरकारों में योजनाएं शासन स्तर से बनती थीं, लेकिन अब गांवों में मिले अनुभवों के आधार पर रणनीति बनाई जाएगी या संशोधन किया जाएगा। इसीलिए सीएम योगी ने हाल ही में मंत्रियों को मंडल, जिले स्तर पर भ्रमण करने, विभिन्न कार्यों की समीक्षा और स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रियों के फीडबैक को लेकर सीएम योगी बैठक करेंगे और उम्मीद है कि इससे नीतिगत सुधार होने की सम्भावना है।