प्रदेश के जिलों में तैनात पुलिस कर्मियों के खिलाफ चल रही विभागीय कार्यवाही पर रोक
प्रदेश के जिलों में तैनात पुलिस कर्मियों के खिलाफ चल रही विभागीय कार्यवाही पर रोक
प्रयागराज, 07 जून। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात इंस्पेक्टरों, सब इंस्पेक्टरों, हेड कांस्टेबिलो व कांस्टेबलों के विरुद्ध चल रही विभागीय कार्रवाई पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने विभागीय कार्रवाई पर रोक लगाते हुए प्रदेश सरकार व सम्बंधित जिलों के पुलिस अधिकारियों से 6 सप्ताह में जवाब मांगा है।
यह आदेश पुलिसकर्मियों द्वारा दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर जस्टिस राजीव जोशी व जस्टिस राजीव मिश्रा की अलग-अलग कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पारित किया है। इन पुलिसकर्मियों ने अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर उनके विरुद्ध चल रही विभागीय कार्यवाही को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। पुलिस अधिकारियों पर 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तथा तथा अन्य अलग- अलग धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रदेश के विभिन्न जिलों में दर्ज कराई गई थी।
अधिकारियों ने भ्रष्टाचार व अन्य क्रिमिनल केसों के आधार पर इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दे दी, एवं विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी। याची पुलिस अधिकारियों की तरफ से बहस कर रहे सीनियर एडवोकेट विजय गौतम का तर्क था की इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड एवं अपील) नियमावली 1991 के नियम 14(1) के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए आरोप पत्र दिया गया है, जो गलत है। कहा गया कि विभागीय कार्रवाई पूर्व में दर्ज प्राथमिकी को आधार बनाकर की जा रही है एवं क्रिमिनल केस के आरोप तथा विभागीय कार्रवाई के आरोप एक समान हैं और साक्ष्य भी एक है। ऐसे में इस प्रकार की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के कैप्टन एम पाल एंथोनी में दिए गए विधि के सिद्धांत के विरुद्ध है।
इन पुलिस कर्मियों की तरफ से अधिवक्ता विजय गौतम ने कोर्ट को बताया कि जब आपराधिक व विभागीय कार्यवाही एक ही आरोपों को लेकर चल रही हो तो विभागीय कार्यवाही आपराधिक कार्यवाही के निस्तारण तक स्थगित रखी जाए। कहा गया कि यूपी पुलिस रेगुलेशन को सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट्यूटरी कानून माना है और स्पष्ट किया है इसका उल्लंघन करने से आदेश अवैध और अमान्य हो जाएंगे।
याचिका दाखिल करने वाले इंस्पेक्टर, दरोगा, हेड कांस्टेबल, व कांस्टेबल प्रदेश के मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद ,अलीगढ़, कानपुर नगर, बरेली व वाराणसी में तैनात हैं।