प्रियंका क्या जानें गरीब परिवार की मिहलाओं की पीड़ा : धर्मेन्द्र प्रधान

केन्द्रीय मंत्री व उप्र भाजपा चुनाव प्रभारी ने कांग्रेस नेत्री वाड्रा पर किया पलटवार

प्रियंका क्या जानें गरीब परिवार की मिहलाओं की पीड़ा : धर्मेन्द्र प्रधान

लखनऊ, 20 दिसम्बर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि आजाद भारत की दो सबसे प्रभावशाली योजनाएं हैं। शौचालय और मुफ्त गैस कनेक्शन वितरण की उज्जवला योजना। इन दोनों ही योजनाओं ने देश के सामाजिक ढांचे में बड़ा ही सकारात्मक बदलाव किया है। कांग्रेस की प्रियंका गांधी को यह बदलाव नहीं समझ आता है, क्योंकि वह न तो गांव को समझती हैं और न ही गरीब को जानती हैं।

प्रियंका कहती हैं कि टॉयलेट और गैस सिलेंडर देने से महिला सशक्तिकरण नहीं होता। उन्हें उन महिलाओं का दर्द, पीड़ा और शर्म का अहसास नहीं जिन्हें शौच जाने के लिए सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद के अंधेरे का इंतजार करना पड़ता था। उनका वास्ता जमीनी हकीकत से नहीं है। इसलिए ही वह ऐसा बोल रही हैं।

प्रधान ने कहा कि हमने इन योजनाओं की शुरुआत यूपी से की थी। यहां हमारी सरकार नहीं थी लेकिन हमें यह पता था कि यूपी का सामाजिक परिवेश बदलेगा तो इसका संदेश पूरे देश में जायेगा। कठिनाइयां भी थीं और सवाल भी। फिर भी हमने शुरुआत की और सफल रहे। हमने यूपी में केंद्र सरकार की सभी गरीब कल्याण की योजनाओं को सफलता पूर्वक जमीन पर उतारने का काम किया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश को विकास के मामले में बहुत आगे लेकर जाने का काम किया है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बैंकिंग व्यवस्था पहले भी थी। डिजिटल पेमेंट व नवीन माध्यमों से भुगतान 10 साल पहले भी होता था। मोदी सरकार ने इसका लाभ आम जनता, गरीब लोग, वंचित जन को कैसे मिले, इसका रास्ता निकाला। गरीब के खाते में सीधे मदद गई। हमने बिचौलिया राज खत्म किया। इससे सरकार की पूरी मदद आज गरीब जनता को मिल रही है। हमने परसेप्शन बदला है। आज यह सबको महसूस भी हो रहा है।

धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि कोरोना में हमने रिवर्स माइग्रेशन देखा। बहुत से लोग विपदा में देश के विभिन्न हिस्सों से अपने घर यूपी आये। कुछ वापस गए और बहुत लोग यहाँ रुक गए। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यूपी बदल गया है। कितने ही नए मेडिकल कॉलेज बन गए, यूपी एक्सप्रेस वे स्टेट बन गया है। पर्यटन, एक जिला एक उत्पाद और गरीब कल्याण की अनेक योजनाओं से रोजगार सृजन के बहुत से नए माध्यम बन गए हैं। पिछले पांच सालों में जितना काम हुआ है उतना कभी नहीं हुआ। आज सवाल वे लोग कर रहे हैं जिन्होंने यूपी को पीछे धकेलने का काम किया था, विकास को रोका था।