नवरात्रि की षष्ठी तिथि को भक्तों ने की कात्यायनी स्वरूप की आराधना
नवरात्रि की षष्ठी तिथि को भक्तों ने की कात्यायनी स्वरूप की आराधना
लखनऊ, 07 अप्रैल। चैत्र नवरात्रि की पष्ठी तिथि, भक्तों ने आदि शक्ति माता दुर्गा के छठवें स्वरूप माता कात्यायनी की पूजा की। राजधानी के मंदिरों में देवी कात्यायनी की जय जयकार हुई। गुरुवार होने से माता का श्रृंगार पीले रंग में किया गया। कहीं माता के वृष पर आरूढ़ दर्शन कराए गए तो कहीं पीले वस्त्रों व पुष्पों से माता का श्रृंगार किया गया।
बख्शी का तालाब स्थित 51 शक्तिपीठ मंदिर में देवी का श्रृंगार पीताम्बर स्वरूप में किया गया। यहां रोज माता को अलग-अलग रंग के वस्त्रों में दर्शन कराए जाते हैं। इस मंदिर में आने वाले भक्तों को एक साथ 51 शक्तीपीठों के दर्शन हो जाते हैं। इस क्षेत्र में माता का चंद्रिका देवी का भी एक बहुत प्राचीन मंदिर है, जहां माता के पिंडी दर्शन कराए जाते हैं। नवरात्रि पर यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इसके अलावा यहां हर अमावस्या को भी काफी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
वहीं, चौपटिया की संदोहन देवी मंदिर में देवी वृष पर सवार स्वरूप के दर्शन कराए गए। इस मंदिर में पूरे नवरात्रि माता को अलग-अलग वाहन व सिंहासन पर दर्शन कराए जाते है। यह यहां की सबसे अनूठी परम्परा है। इस मंदिर में नवरात्रि के बाद की एकादशी को चरण दर्शन कराए जाते है। माता के चरणों के दर्शन करने के लिए काफी संख्या में भक्त दूर-दूर से आते है।
इसके अलावा ठाकुरगंज स्थित मां पूर्वी देवी मंदिर में माता के दरबार का श्रृंगार पीले गेंदों के पुष्पों से कराया गया। देवी को नारियल, केला, ईलायची, पेड़ा व पांच प्रकार के फलों का भोग लगाया गया। माता का श्रृंगार रेनू, मीना और ऊषा त्रिवेदी ने किया। इसके अलावा महिलाओं ने देवी के भजन किए। इसके अलावा शास्त्री नगर स्थित श्रीदुर्गा जी मंदिर में भी श्रृंगार हुआ और माता के भजन गाए गए।