यूपी लोकतंत्र सेनानी सम्मान संशोधन विधेयक विधान सभा से पारित
राजनैतिक पेंशन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने सदन में रखा प्रस्ताव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा ने गुरुवार को उप्र लोकतंत्र सेनानी सम्मान (संशोधन) विधेयक का प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित कर दिया। इस विधेयक के पारित होने का सीधा फायदा लोकतंत्र सेनानियों के आश्रितों एवं उत्तराधिकारियों को होगा।
लोकतंत्र सेनानियों के निधन के पश्चात उनके आश्रितों को मिलने वाले सम्मान राशि में विलम्ब न हो और उन्हें परेशान न होना पड़े, इसके लिए कैबिनेट और विधान मंडल में चर्चा के बाद उत्तर प्रदेश लोकतंत्र सेनानी सम्मान (संशोधन) विधेयक का प्रस्ताव प्रदेश के नागरिक उड्डयन, अल्पसंख्यक कल्याण, राजनैतिक पेंशन, मुस्लिम वक्फ एवं हज कल्याण मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने विधानसभा में रखा, जिस पर चर्चा के के बाद सदन ने सर्व सम्मति से पारित कर दिया।
मंत्री नन्दी ने बताया कि अभी तक लागू विधेयक में लोकतंत्र सेनानी के निधन के बाद आश्रित को मिलने वाली सम्मान राशि कब मिलेगी और कब से मिलेगी, यह कुछ भी निर्धारित नहीं था। सम्मान राशि पाने में कई महीने लग जाते थे। लेकिन विधेयक में संशोधन के बाद अब ऐसा नहीं होगा।
श्री नन्दी ने जब सदन में प्रस्ताव रखा तो विपक्ष ने विधेयक को अपनी उपलब्धि बताई, जिसका जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने बड़ी अच्छी बात कही कि पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इसको शुरू किया था। लेकिन उसके बाद बुआ जी (बसपा सुप्रीमो मायावती) ने इसे बंद कर दिया था।
मंत्री ने कहा कि इसके बाद योगी सरकार ने जुलाई 2018 में एक साथ पांच हजार रूपये बढ़ा कर 20 हजार रूपये सम्मान राशि देने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि इसमें अभी कुछ विसंगतियां थी, जिसके चलते लाभार्थी जिलाधिकारी के यहां दौड़ते थे और तमाम प्रक्रियाओं में देर लगती थी।
उन्होंने बताया कि अब सरकार ने निर्णय लिया है कि जिस दिन लोकतंत्र सेनानी का निधन होगा, यदि तीन महीने के अंदर एप्लीकेशन दिया गया तो मृत्यु के अगले दिन से ही उनको सम्मान राशि मिलेगी। वहीं लोकतंत्र सेनानी के निधन के तीन महीने बाद भी यदि आवेदन किया जाता है तो जिस दिन आवेदन होगा, उस दिन से ही सम्मान राशि मिलने लगेगी।