वाराणसी में विहंगम योग संत समाज के शताब्दी समारोह की तैयारियां अंतिम दौर में

वाराणसी में विहंगम योग संत समाज के शताब्दी समारोह की तैयारियां अंतिम दौर में

वाराणसी में विहंगम योग संत समाज के शताब्दी समारोह की तैयारियां अंतिम दौर में

—25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ,निः शुल्क आयुर्वेद, पंचगव्य तथा प्राकृतिक चिकित्सा परामर्श

वाराणसी, 28 नवम्बर (हि.स.)। चौबेपुर उमरहा स्थित स्वर्वेद महामंदिर धाम में विहंगम योग संत समाज के शताब्दी समारोह की तैयारियां अन्तिम दौर में है। आगामी 6 एवं 7 दिसम्बर को आयोजित समारोह में 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ भी होगा। यजमानों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए सम्पूर्ण यज्ञ परिसर को 108 ब्लाकों में विभक्त किया जा रहा है। सभी ब्लाक भारतीय ऋषि-महर्षियों के नाम पर होंगे। अभी तक लगभग ग्यारह हजार यज्ञ वेदियाँ बनकर तैयार हो चुकी हैं।

धाम के संतों के अनुसार समारोह में लगभग ढ़ाई लाख स्क्वायर फीट भू-खण्ड में प्रवचन पंडाल बनाया जा रहा है, जहां दो दिनों तक संत प्रवर विज्ञानदेव जी महाराज की संगीतमय दिव्यवाणी (जय स्वर्वेद कथा) की दिव्य धारा प्रवाहित होगी। तथा समापन पर सद्गुरु आचार्य स्वतंत्र देव जी महाराज की अमृतवाणी की बरसात होगी। समारोह में आने वाले श्रद्धालुओं के समुचित सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 22 भोजनालय बनाए जा रहे हैं, जहाँ 2 दिनों तक अनवरत निःशुल्क भण्डारा संचालित रहेगा। इसके अतिरिक्त यज्ञ संचालन में सहायता के लिए लगने वाले 5000 कार्यकर्ताओं, पुलिस कर्मियों, युवा संगठन, तथा विहंगम सुरक्षा बल के कार्यकर्ताओं के निमित्त अलग-अलग भोजनालय बनाए जा रहे हैं । दोनों दिन तक सायंकालीन सांस्कृतिक सत्र में भारत की विविध लोक संस्कृतियों की झांकी भारतीय लोक संगीत और भजनों की प्रस्तुति होगी। इस अवसर पर भारतवर्ष के विविध सांस्कृतिक व्यंजनों की भी व्यवस्था रहेगी।

समारोह का मुख्य आकर्षण

25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ,संत प्रवर के मुखारविंद से निःसृत जय स्वर्वेद कथा , सद्गुरुदेव की अमृतवाणी,विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन,भारत की विविध सांस्कृतिक व्यंजनों को चखने का अवसर, निःशुल्क आसन, प्राणायाम एवं ध्यान सीखने का अवसर,निः शुल्क आयुर्वेद, पंचगव्य तथा प्राकृतिक चिकित्सा परामर्श समारोह के मुख्य आकर्षण है।

---------------