महामंडलेश्वर स्वामी ब्रह्मऋषि कुमार स्वामी जगतगुरु की उपाधि से किया गए विभूषित
महामंडलेश्वर स्वामी ब्रह्मऋषि कुमार स्वामी जगतगुरु की उपाधि से किया गए विभूषित
ऐसा सम्मान किसी व्यक्ति के अद्वितीय योगदान और आध्यात्मिक उत्कृष्टता की पहचान: रविन्द्र पुरी
महाकुम्भ नगर,30 जनवरी(हि.स.)। प्रयागराज, महाकुम्भ मे निरंजनी अखाड़े की छावनी में गुरूवार को निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशा नन्द गिरी की अध्यक्षता और संत महापुरुषों के सानिध्य मे महामंडलेश्वर स्वामी ब्रह्मऋषि कुमार स्वामी का पट्टा अभिषेक कर जगतगुरु की उपाधि से विभूषित किया गया।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि आज जो सम्मान महामंडलेश्वर स्वामी ब्रह्मऋषि कुमार स्वामी को मिला है ऐसा सम्मान किसी व्यक्ति के अद्वितीय योगदान और आध्यात्मिक उत्कृष्टता की पहचान होता है। ब्रह्मऋषि कुमार स्वामी के द्वारा किए गए कार्य समाज और धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस तरह के सम्मान से न केवल उनका योगदान सराहा जाता है, बल्कि संत परंपरा और धर्म की महानता को भी बढ़ावा मिलता है।
निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशा नन्द गिरी महाराज ने कहा कि संत महापुरुष जो भी कार्य करते हैं, वह केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समस्त मानवता के भले के लिए करते हैं। उनका जीवन दूसरों की सेवा, प्रेम, और कल्याण के लिए समर्पित होता है। वे हमेशा लोगों को अच्छाई की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं और अपने कार्यों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करते हैं।
आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि महाराज ने कहा की संत कभी अहंकार नहीं करते। उनका जीवन विनम्रता, त्याग और आत्मज्ञान से परिपूर्ण होता है। संतों का अहंकार से कोई संबंध नहीं होता, क्योंकि वे स्वयं को बस एक साधारण साधक मानते हैं और अपने ज्ञान या शक्ति का कभी घमंड नहीं करते। उनका उद्देश्य केवल भगवान की सेवा और दूसरों की भलाई होता है, न कि खुद को श्रेष्ठ दिखाना। इसीलिए ब्रह्मऋषि कुमार स्वामी अपने तपबल से विश्व के श्रद्धांलु भक्तों का कल्याण कर रहे हैं। इस अवसर पर अखाड़े के सचिव श्री महंत राम रतन गिरी, महंत ओमकार गिरी, महंत राधे गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी महेश नन्द, महंत दिनेश गिरी, महंत दर्शन भारती, महामंडलेश्वर स्वामी अनपूर्णा भारती, श्री महंत राधे गिरी, मा. म. स्वामी मीरा गिरी, मा. म. स्वामी प्रेमानन्द पुरी (अर्जी वाले हनुमान जी उज्जैन)प्रो. दिनेश कुमार गर्ग, प्रो. राम सलाही द्विवेदी, प्रो. शिव शंकर मिश्र, मा. म. स्वामी अनंतानंता नन्द, मा. म स्वामी आदि योगी पुरी,महंत दिनेश गिरी, महंत राकेश गिरी, महंत राज गिरी आदि के संग अनेक संत महापुरुष उपस्थित रहे।