कैसे बनना है एक जागरूक जनप्रतिनिधि, प्रधानमंत्री से मिलती है प्रेरणा : योगी आदित्यनाथ
कैसे बनना है एक जागरूक जनप्रतिनिधि, प्रधानमंत्री से मिलती है प्रेरणा : योगी आदित्यनाथ
वाराणसी, 23 सितंबर । अभिनव योजनाएं कैसे बनाई जाती हैं और फिर उन्हें कैसे क्रियान्वित किया जाता है, ये हम सभी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सीखना चाहिए। एक जागरूक जनप्रतिनिधि बनने के लिए मोदी हम सबके प्रेरणास्रोत हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व पर हर भारतवासी गर्व की अनुभूति करता है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित 16 अटल आवासीय विद्यालयों के उद्घाटन एवं सांसद सांस्कृतिक सम्मेलन के समापन समारोह के दौरान कही।
इससे पहले प्रधानमंत्री की मौजूदगी में मुख्यमंत्री अटल आवासीय विद्यालय के बच्चों से संवाद कार्यक्रम में भी शामिल हुए। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जब भी काशी आते हैं तो देश और दुनिया को कुछ बड़ा देकर आते हैं। इस बार चंद्रयान की अभूतपूर्व सफलता, जी-20 सम्मेलन के जरिए वैश्विक मंच पर भारत की शक्ति और सामर्थ्य का प्रदर्शन, आदित्य एल-वन का सफल प्रक्षेपण और संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम का पारित होना महत्वपूर्ण कदम हैं। समाज के हर तबके के विकास के लिए कार्य योजना बनाना और उसे प्रभावी ढंग से कैसे लागू करना है, यह आपके नेतृत्व क्षमता से हम सब सीखते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का आज ये चौथा कार्यक्रम है। सुबह दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद काशी में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास, फिर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में नारी शक्ति वंदन अभिनंदन कार्यक्रम, उसके बाद अटल आवासीय विद्यालयों के बच्चों से संवाद और अब 16 अटल आवासीय विद्यालयों के लोकार्पण के साथ ही सांस्कृतिक कर्मियों का सम्मान। यह दिखाता है कि एक जागरूक जनप्रतिनिधि को कैसे कार्य करना चाहिए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी सांसद खेलकूद प्रतियोगिता के जरिए तो कभी सांसद सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री हमेशा रचनात्मक गतिविधियों के जरिए हम सभी का मार्गदर्शन करते हैं। वैसे तो काशी में संगीत की अलग अलग विधाओं ने जन्म लिया लेकिन कभी किसी सांसद और जनप्रतिनिधि ने किसी सांस्कृतिक कर्मियों के साथ संवाद नहीं बनाया, ना उन्हें इस प्रकार से मंच दिया।
काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव में 40 हजार से अधिक कलाकारों ने न्याय पंचायत, ब्लॉक स्तर पर, विश्वविद्यालय और जनपद स्तर पर अलग अलग कार्यक्रमों के माध्यम से भाग लिया। इसमें गायन, वादन, नृत्य, नाट्य का मंचन किया गया। लोक कलाओं को संवर्धित करने का ये अभिनव प्रधानमंत्री द्वारा किया गया।