अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के विवादास्पद बयान पर अब सुनवाई 14 फरवरी को

न्यायालय ने सुनवाई में बहस के बाद आदेश सुरक्षित रखा

अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के विवादास्पद बयान पर अब सुनवाई 14 फरवरी को

वाराणसी, 31 जनवरी । श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी प्रकरण में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के विवादास्पद बयान (हेट स्पीच) मामले में मंगलवार को एसीजेएम पंचम/एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई में बहस के बाद न्यायालय ने आदेश के लिए पत्रावली सुरक्षित कर ली है। इस मामले में न्यायालय ने अगली सुनवाई की तिथि 14 फरवरी नियत की है। माना जा रहा है कि उस दिन निर्णय आ सकता है। इसके पहले पिछली सुनवाई में विपक्षी मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी की ओर से पक्ष रखने के लिए दाखिल अर्जी को न्यायालय ने खारिज कर दिया था।

वादी सिविल कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र के जरिये कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कमीशन की कार्रवाई के दौरान प्राचीन शिवलिंग मिलने के बाद वजूस्थल के पास गंदगी करने और शिवलिंग को लेकर सांसद ओवैसी और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने बयानबाजी की है। उनके बयानों से हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा। प्रार्थना पत्र के जरिये कहा गया है कि शिवलिंग जहां मिला है, वहां हाथ-पैर धोए जाने, थूकने और गंदा पानी बहाने से असंख्य सनातन धर्मियों का मन पीड़ा से भरा है। आरोपितों ने साजिश के तहत स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के शिवलिंग को फव्वारा कहकर सनातन धर्मियों की आस्था पर कुठाराघात और आमजन में विद्वेष फैलाने का काम किया है। अधिवक्ता ने इस मामले में अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, कमेटी के संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन और बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है। इस वाद में कोर्ट में चौक थाने से पहले ही रिपोर्ट आ गई है कि थाने में कोई मुकदमा दर्ज नहीं है।