शिक्षा का मानव जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान : प्रो ऋषिकांत पांडेय
शिक्षा का मानव जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान : प्रो ऋषिकांत पांडेय

-इविवि में प्राक्शोधोपाधि पाठ्यक्रम पर विशिष्ट व्याख्यानप्रयागराज, 02 अप्रैल (हि.स.)। उच्च शिक्षा का उद्देश्य नौकरी प्रदान करना नहीं मानव क्षमता का निर्माण करना है। ज्ञान के द्वारा ही उस क्षमता का विकास अपरिमित रूप से किया जा सकता है। अतः शिक्षा का मानव जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। उक्त विचार इविवि, दर्शन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो ऋषिकांत पांडेय ने व्यक्त किया।
बुधवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत, पालि, प्राकृत एवं प्राच्यभाषा विभाग में प्राक्शोधोपाधि पाठ्यक्रम मे विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता प्रो ऋषिकांत पांडेय ने “उच्च शिक्षा का उद्देश्य” विषय पर अपने व्याख्यान में कहा कि उच्च शिक्षा के अंतर्गत किए जाने वाले शोध का उद्देश्य सामान्य ज्ञान के स्तर को बढ़ाते हुए अपना विशिष्ट योगदान देना है। शोध के विभिन्न आयाम किसी भी क्षेत्र को अत्यंत गहराई से रखते हैं तथा उनमें विद्यमान विभिन्न बिंदुओं को क्रमशः अध्ययन करते हुए उनमें निहित ज्ञान राशि को प्रकट करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि भारत की प्राचीन शिक्षण पद्धति प्रकृति के मध्य में विद्यमान होकर गहन चिंतन की परम्परा ज्ञान को आगे बढ़ाने में प्रमुख योगदान देती थी, जिस कारण आज भी वह ज्ञान हम सभी को श्रुति परम्परा द्वारा प्राप्त हो रहा है। वर्तमान में शोध के विभिन्न चरणों द्वारा जीवन में किस प्रकार बदलाव लाया जाए इन बिंदुओं पर भी शोध कार्य की आवश्यकता है।
इसके पूर्व इलाहाबाद विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रयाग नारायण मिश्र एवं प्रो.अनिल प्रताप गिरि ने माल्यार्पण कर मुख्य वक्ता का स्वागत किया। तत्पश्चात विभाग की शोध छात्रा नेहा ने मुख्य वक्ता का परिचय एवं उनके द्वारा विश्वविद्यालय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक किए गए प्रमुख कार्यों का वर्णन करते हुए उनका परिचय दिया।
कार्यक्रम का संचालन पाठ्यचर्या की प्रभारी डॉ.निरुपमा त्रिपाठी एवं धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग की शोध छात्रा शिवरात्रि ने किया। इस अवसर पर डॉ. तेज प्रकाश, डॉ सन्त प्रकाश तिवारी, डॉ.लेख राम दन्नाना, डॉ.संदीप कुमार, डॉ.अनिल कुमार, डॉ.मीनाक्षी जोशी, डॉ.रेनू कोछड़ शर्मा, डॉ.विकास शर्मा, डॉ आशीष त्रिपाठी, डॉ.रजनी गोस्वामी, डॉ रश्मि यादव, डॉ.प्रतिभा आर्या, डॉ.सतरुद्र प्रकाश सहित बड़ी संख्या में शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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