गंगा के चारों ओर लोगों को लाभ पहुंचाने की परिकल्पना "अर्थ गंगा''

अर्थ गंगा परियोजना से आर्थिक और समावेशी विकास को बढ़ावा

गंगा के चारों ओर लोगों को लाभ पहुंचाने की परिकल्पना "अर्थ गंगा''

प्रयागराज, 02 जून । नमामि गंगे अब केवल गंगा की सफाई तक ही सीमित नहीं है, बल्कि देश के सबसे बड़ी नदी संरक्षण परिकल्पना के रूप में जाना जाता है। गंगा के साथ-साथ अब गंगा की सहायक नदियों की स्वच्छता पर भी कार्य शुरू हो गया है। गंगा नदी एवं उसके घाटों की स्वच्छता के साथ साथ गंगा किनारे लोगों को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए भारत सरकार नमामि गंगे के तहत ‘अर्थ गंगा’ मुहीम को प्रोत्साहित कर रही है।

नमामि गंगे के प्रयागराज संयोजक राजेश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अर्थ गंगा का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के किनारे आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होने के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर देने की सुदृढ़ परिकल्पना है। भारत की लगभग आधी आबादी गंगा नदी के क्षेत्र के आस-पास अधिवासित है। इन सभी कार्यों के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों और पूर्व सैनिक संगठनों को प्राथमिकता दी जायेगी।

उन्होंने बताया कि दिसम्बर 2019 कानपुर में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय गंगा परिषद की प्रथम बैठक में प्रधानमंत्री ने गंगा नदी से सम्बंधित आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही ’नमामि गंगे’ परियोजना को “अर्थ गंगा“ जैसे एक सतत विकास मॉडल में परिवर्तित करने निर्देश दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा को साफ करने एवं एक स्थायी आय उत्पन्न करने के लिए गंगा राज्यों के मुख्यमंत्रियों (उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के सरकारों) को निर्देशित किया। राष्ट्रीय गंगा परिषद की स्थापना पर्यावरण अधिनियम (1986) के तहत की गई थी। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा परिषद की अध्यक्षता प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है।

राजेश शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, राष्ट्रीय गंगा परिषद के कार्यान्वयन शाखा के रूप में कार्य करता है। अर्थ गंगा के तहत किसानो को टिकाऊ, कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। जिसमें शून्य बजट खेती, फलदार वृक्ष लगाना और गंगा किनारे पौधों की नर्सरी का निर्माण करने आदि कार्य शामिल हैं। भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन मंत्रालय के अनुसार अर्थ गंगा परियोजना से गंगा नदी के किनारे आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होने के साथ-साथ रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे।

श्री शर्मा के मुताबिक नमामि गंगे जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट अथर्वराज ने कहा है कि रोजगार वृद्धि हेतु भारत सरकार द्वारा यह एक महत्वपूर्ण कदम है। अंतर्देशीय जलमार्गों का विकास “अर्थ-गंगा“ परियोजना के सबसे महत्वपूर्ण स्तम्भों में से एक है। जलमार्गों के विकास का नदियों के तटों और पारिस्थितिकी तंत्र दोनों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अर्थ-गंगा परियोजना किसानों, छोटे व्यापारियों और ग्रामीणों के लिए आर्थिक और समावेशी विकास को बढ़ावा देगी।