पुलिस वसूली का वीडियो बनाने पर गैंगस्टर एक्ट में फंसाने को लेकर गृह सचिव से जवाब तलब
कोर्ट ने कानून के दुरुपयोग न होने की मांगी गाइडलाइन
प्रयागराज, 22 जुलाई। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत-नेपाल बार्डर पर पुलिस द्वारा जाम लगाकर वसूली करने की वीडियो रिकार्डिंग करने पर गैंगस्टर एक्ट में फंसाने के आरोपों का गृह सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।
साथ ही कहा है कि पुलिस कानून का दुरुपयोग न करें इसका कोई गाइडलाइन हो तो दाखिल की जाय। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 23 जुलाई को करेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एस.पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने महाराजगंज के सोनौली, कुन्सेरवा गांव के निवासी कृष्ण गुप्ता व अन्य की याचिका पर दिया है।
याचियों पर आरोप है कि गैंग बनाकर नेपाल सीमा पर ट्रकों से जबरन वसूली करते हैं। इनके खिलाफ 21 मार्च 21 को गैंग चार्ट बना और 30 मार्च 21 को एफआईआर दर्ज कराई गई है।
याचियों का कहना है कि सीमा पर बाईपास पर उनकी जनरल स्टोर व मोबाइल फोन की दूकान है। पुलिस वसूली के कारण अक्सर जाम से लोगों को परेशानी होती है। जिसको लेकर स्थानीय लोगों व ड्राइवरों से विवाद हुआ। याची इलेक्ट्रानिक मीडिया से जुड़ा है। उसने पुलिस के घूस लेते वीडियो रिकार्डिंग कर ली। जिससे याची को गैंग लीडर व उसके परिवार के लोगों व दो ड्राइवरों को गैंग सदस्य घोषित कर गैंग चार्ट बनाया गया है। पुलिस दुर्भावना ग्रस्त होकर कार्रवाई कर रही है। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से हलफनामा मांगा है।
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