महाकुम्भ में सक्रिय है भूले भटके महिलाओं, बच्चों का शिविर, 309 लोगों को अपनो से मिलाया
महाकुम्भ में सक्रिय है भूले भटके महिलाओं, बच्चों का शिविर, 309 लोगों को अपनो से मिलाया

महाकुम्भ नगर, 14 जनवरी (हि.स.)। महाकुम्भ के पहले अमृत स्नान मकर संक्रांति पर्व के मौके पर मंगलवार को उमड़े जनसैलाब के बीच कुछ लोग अपनों से बिछड़ गए। हालांकि पुलिस एवं प्रशासनिक विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सक्रियता से काफी संख्या में अपनो से बिछड़ी महिला, बच्चे एवं पुरुष समेत एक सैकड़ा से अधिक लोगों को मिलाने कार्य किया। जबकि मकर संक्रांति पर्व को स्वयंसेवी संस्थाओं ने कुल 309 लोगों को उनके परिवार तक पहुंचाया।
महाकुम्भ, कुम्भ एवं माघ मेला में बीते कई वर्ष से अपनों से बिछड़ने वाले लोगों को मिलाने के कार्य करने वाली स्वयंसेवी संस्था हेमवती नन्दन बहुगुणा स्मृति समिति द्वारा भूली भटकी महिलाओं तथा बच्चों को मिलाने का कार्य करती चली आ रही है। संस्थान के संचालक संत प्रसाद पांडेय ने बताया कि बीते कई वर्ष से इस सामाजिक कार्य को यह संस्था कर रही है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी माघ मेला क्षेत्र में त्रिवेणी मार्ग पर बांध के नीचे शिविर स्थापित किया गया है। महाकुम्भ के पहले स्नान पर्व के दिन हमारे यहां सौ से अधिक महिलाएं एवं बच्चे अपनों से बिछड़ कर पहुंचे थे। जिन्हें उनके परिवार तक पहुंचाने का कार्य किया गया।
मंगलवार को मकर संक्रांति के महत्वपूर्ण स्नान पर्व के मौके पर दो सौ से अधिक महिलाएं, बच्चे एवं पुरूष स्नान करने के दौरान अपनों से बिछड़ कर पहुंचे और सभी को उनके परिवार तक पहुंचा दिया गया है। जबकि शाम को लेकर पांच वृद्ध महिलाएं अभी बैठी हुई है। परिवार से सम्पर्क करके उन्हें उनके परिवार तक पहुंचाने का प्रयास जारी है। इस दौरान सभी को चाय एवं ठंड से बचने के लिए कम्बल आदि दिया जाता है।
वहीं दूसरी संस्था भूले भटके शिविर का संचालन भारत सेवा दल के माध्यम से किया जाता है। इस संस्था के संचालक लाल तिवारी ने बताया कि मकर संक्रान्ति पर्व पर हमारे यहां 108 लोग अपनो से बिछ़ड़े हुए लोग पहुंचे। जिसमें महिलाएं, बच्चे एवं पुरुष आए थे। सबसे अधिक 75 महिलाएं थी और एकमात्र बच्चा खोकर आया था, जिन्हें खोजते हुए सभी के परिजन पहुंचे और उन्हें मेला क्षेत्र से अपने घर ले गए।
शिविर के संचालक ने बताया कि प्रशासन का मुझे बहुत अच्छा सहयोग नहीं मिल पा रहा है। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं तक खबर पहुंचाने के लिए माइक का प्रयोग किया जाता है। लेकिन आज पूरे दिन अलाउंस करने पर रोक लगा दिया है। जिससे उनके कार्यकर्ताओं को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।