दिल्ली की जांच में कानपुर के मच्छरों में जीका वायरस की हुई पुष्टि
कई गुना पाया गया मच्छरों का घनत्व, पशोपेश में स्वास्थ्य विभाग
कानपुर, 07 नवम्बर । उत्तर प्रदेश में पहला जीका वायरस संक्रमण का मामला कानपुर में पाया गया। इसके बाद से प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई और लखनऊ से लेकर दिल्ली तक की टीमें शहर में डेरा डाले हुई हैं। लेकिन जीका वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है और अब तो दिल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मलेरिया रिसर्च की रिपोर्ट ने भी साफ कर दिया कि कानपुर के मच्छरों में जीका वायरस मौजूद है। यही नहीं यहां पर मच्छरों का घनत्व भी कई गुना पाया गया। इससे स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासन विभाग पशोपेश में आ गया है।
शहर में 23 अक्टूबर को एक एयरफोर्स कर्मी में जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके बाद एयरफोर्स स्टेशन परिसर में ही तीन और एयरफोर्स कर्मियों को जीका वायरस ने चपेट में ले लिया। इसको लेकर शासन को रिपोर्ट भेजी गई तो लखनऊ और दिल्ली की टीमें शहर में डेरा डाल दिये। वहीं कानपुर की 72 टीमें भी संक्रमण की रोकथाम के लिए जुट गई, लेकिन जीका वायरस का संक्रमण कम होने का नाम ही नहीं ले रहा और एयरफोर्स परिसर से हटकर सिविलियन क्षेत्र में संक्रमण पहुंच गया और अब तक 92 लोग इसके चपेट में आ चुके हैं। शहर से लेकर दिल्ली तक की टीमें यह पता लगाने में जुटी हैं कि आखिरकार जीका वायरस आया कहां से। इसकी अभी पुष्टि नहीं हो सकी, लेकिन इसी बीच शहर से जांच के लिए एडीज एजिप्टी मच्छरों के 50 से ज्यादा सैंपल एकत्र कर दिल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मलेरिया रिसर्च भेजे गए। इसी तरह कीट संग्रहकर्ताओं को लगाकर मच्छरों के घनत्व की भी जांच कराई गई।
दिल्ली से आई रिपोर्ट में एक मच्छर में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया है। यही नहीं मच्छरों का घनत्व भी कई गुना शहर में पाया गया। इससे साफ है कि कानपुर में जीका वायरस का संक्रमण कम होने के बजाय बढ़ता ही जाएगा और यह भी सुनिश्चित हो गया कि जीका वायरस की ब्रीडिंग भी हो रही है जिसे अब तक स्वास्थ्य विभाग की टीमें नष्ट नहीं कर पायी हैं। दिल्ली से आई जांच रिपोर्ट के बाद से स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासन विभाग पशोपेश में आ गया है और इससे निपटने की तैयारी में जुट गया है।
अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डा. जीके मिश्रा ने बताया कि दिल्ली से आई रिपोर्ट में एक मच्छर में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया है। इसी तरह क्षेत्र में मच्छरों का घनत्व भी कई गुना अधिक मिला है। क्षेत्र में मच्छरों के ब्रीडिंग प्वाइंट एवं लार्वा नष्ट करने का निर्देश दिया गया है।