घर से भागकर शादी करने वाले जोड़े की गिरफ्तारी पर रोक
विवाह प्रमाणपत्र जारी करने वाला आर्य समाज का व्यक्ति दस्तावेज सहित तलब
प्रयागराज, 05 अप्रैल । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आर्य समाज मंदिर जार्ज टाउन प्रयागराज में घर से भाग कर शादी करने वाले जोड़े की विवेचना में सहयोग की शर्त पर गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार सहित विपक्षी से जवाब मांगा है। कोर्ट ने इससे पहले 7 मार्च 24 को जारी आदेश का पालन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।
इस आदेश से कोर्ट ने आर्य समाज संस्थान जार्जटाउन प्रयागराज से शादी का प्रमाणपत्र जारी करने वाले व्यक्ति को दस्तावेज सहित तलब किया था और व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था कि क्या मंदिर में शादी से पहले याचियों के खिलाफ गौतमबुद्धनगर, थाना फेज-दो में एफआईआर दर्ज होने की जानकारी थी। एसएचओ जार्जटाउन को भी शादी प्रमाणपत्र जारी करने वाले की कोर्ट में उपस्थित सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। किंतु इसका पालन नहीं किया गया तो कोर्ट ने इस आदेश का पालन करने का भी निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति एस क्यू एच रिजवी की खंडपीठ ने मधु व एक अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में 21 फरवरी 24 को दर्ज एफआईआर को रद्द करने तथा गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई है।
याची का कहना है कि उन्होंने शादी कर ली है और साथ-साथ रह रहे हैं। परिवार के लोगों ने अपहरण के आरोप में झूठी एफआईआर दर्ज कराई है। याची ने अपनी आयु साढ़े 17 साल बताया है किंतु आधार कार्ड में उसकी जन्मतिथि 4 मई 2004 है। 24 फरवरी 24 को आर्य समाज मंदिर में शादी की है।
कोर्ट ने मंदिरों, गुरुद्वारों व आर्य समाज प्राइवेट संस्थानों से जारी शादी के प्रमाणपत्रों में समानता पर आश्चर्य प्रकट किया और कहा कि स्पष्ट नहीं कि पंजीकरण दस्तावेज किस तरीके से रखे जा रहे हैं और संस्था को शादी कराने से पहले एफआईआर दर्ज होने की जानकारी थी या नहीं, यह साफ नहीं है। जिस पर कोर्ट ने आर्य समाज जार्जटाउन से प्रमाणपत्र जारी करने वाले व्यक्ति को तलब किया है। कोर्ट ने प्रथम याची का मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 164 का बयान दर्ज करने का भी निर्देश दिया है।