विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति लखनऊ के पदाधिकारियों को जमानती वारंट

सोमवार को 10 बजे कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति लखनऊ के पदाधिकारियों को जमानती वारंट

प्रयागराज, 17 मार्च। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति लोहिया मजदूर भवन, नरही लखनऊ के सचिव सहित सभी पदाधिकारियों को जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने इन लोगों 20 मार्च सुबह 10 बजे कोर्ट में हाजिर होने को कहा है। कोर्ट ने सीजेएम लखनऊ के मार्फत वारंट तामील करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने दिसम्बर 22 में प्रदेश में विद्युत आपूर्ति बाधित न करने का निर्देश दिया था और संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। कोर्ट ने कहा था कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी लेकिन 16 मार्च को संघर्ष समिति ने 17 मार्च से हड़ताल पर जाने की घोषणा कर कई शहरों, कस्बों की विद्युत आपूर्ति बाधित की है। जिस पर अधिवक्ता विभु राय ने हाईकोर्ट में अर्जी दी और ऐक्शन लेने की मांग की। कोर्ट ने पेश अर्जी पर जनहित याचिका को 17 मार्च को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई की।

अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने सरकार का पक्ष रखा और कहा सरकार ने विद्युत बहाल रखने के सख्त कदम उठाए हैं। क्योंकि पहले से ही जनहित याचिका विचाराधीन है। जिस पर पारित आदेश का उल्लंघन किए जाने को कोर्ट ने गंभीरता से लिया और जमानती वारंट जारी कर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को 20 मार्च की सुबह 10 बजे तलब किया है। अधिवक्ता की सूचना पर कोर्ट में राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व राज्य विद्युत निगम के अधिवक्ता बालेश्वर चतुर्वेदी मौजूद थे।

अर्जी में अखबारों में छपी खबर व संघर्ष समिति के ऐलान का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि संघर्ष समिति ने कोर्ट के निर्देश की अवहेलना की है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाय और विद्युत आपूर्ति बहाल की जाय। याचिका पर 20 मार्च को सुनवाई होगी।