जोशीमठ के हालात पर सेना प्रमुख बोले- हर संभव मदद मुहैया कराने को तैयार

जोशीमठ के हालात पर सेना प्रमुख बोले- हर संभव मदद मुहैया कराने को तैयार

जोशीमठ के हालात पर सेना प्रमुख बोले- हर संभव मदद मुहैया कराने को तैयार

नई दिल्ली, 12 जनवरी । सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को जोशीमठ के मौजूदा हालात पर कहा कि हम स्थानीय प्रशासन को हर संभव मदद मुहैया कराएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर नागरिक प्रशासन की ओर से रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना की मदद मांगी जाती है, तो हम पूरी तरह तैयार हैं।

सेना प्रमुख जनरल पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चीन सीमा से लगे इलाकों में स्थित 20-25 सेना के भवनों में दरारें आई हैं। यहां के स्टाफ को अन्य जगह स्थानांरित किया गया है, जरूरत पड़ने पर ऊंचाई के इलाके औली में भेजा जाएगा। सीमा के करीबी इलाकों में कई सड़कों में भी दरारें आई हैं, जिन्हें बीआरओ के जरिए ठीक कराया जा रहा है। अग्रिम इलाकों तक हमारी पहुंच और परिचालन संबंधी तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ा है।



उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर स्थिति स्थिर है, लेकिन अप्रत्याशित है। हम सात मुद्दों में से पांच को हल करने में सफल रहे हैं। हमने सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर चीन से बात करना जारी रखा है। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हमारे पास पर्याप्त भंडार है। एलएसी पर तैनात हमारे सैनिक दृढ़ तरीके से चीन के उन प्रयासों को रोकने में सक्षम रहे हैं, जिसमें उन्होंने यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की थी।



जनरल पांडे ने कहा कि चीन के किसी भी प्रयास को रोकने के साथ ही उत्तरी सीमा पर विरोधी पक्ष के जवाब में हमारी भी तैनाती जारी है। सीमा पर हमारे पास बराबर संख्या में सैनिक हैं। हमारी पूर्वी कमान के विपरीत चीन ने सैनिकों की संख्या में थोड़ी वृद्धि हुई है, लेकिन हम कड़ी नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीमा पर सैनिकों की संख्या का कोई महत्व नहीं होता, बल्कि उनमें उत्साह, जोश और हौसला मायने रखता है, जो हमारे सैनिकों में है। यही वजह है कि हम दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।



सेना प्रमुख जनरल पांडे ने कहा कि पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में शांति लौट आई है। आर्थिक गतिविधियों और विकास की पहल के अच्छे परिणाम मिले हैं। यह सेना दिवस विशेष है, क्योंकि यह आजादी का 75वां वर्ष भी है। जहां तक जम्मू और कश्मीर की स्थिति का सवाल है, तो फरवरी 2021 में हुआ संघर्ष विराम अच्छी तरह से चल रहा है, लेकिन आतंकवाद और आतंकी ढांचे को सीमा पार से समर्थन अभी भी बना हुआ है।



जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ में कमी आने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर हमारा घुसपैठ विरोधी तंत्र मजबूत होने से अब आतंकियों ने पीर पंजाल क्षेत्रों में और सीमावर्ती इलाकों के नागरिक आबादी वाले क्षेत्रों को निशाना बनाना शुरू किया है। सीमा पर और सीमावर्ती इलाकों में हमारा आतंक विरोधी अभियान चलता रहेगा।



उन्होंने बताया कि हमने भारतीय सेना का परिवर्तन करने का फैसला किया है। यह अनिवार्य रूप से पांच प्रमुख क्षेत्रों में शुरू होता है, जिसमें बल पुनर्गठन, अनुकूलन, आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी संचार और मानव संसाधन प्रबंधन शामिल हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि महिला अधिकारियों को भारतीय सेना की कोर ऑफ आर्टिलरी में कमीशन दिया जाएगा। इस बारे में हमने प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है और हमें उम्मीद है कि इसे स्वीकार कर लिया जाएगा। हमारे पास आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन (एएमएआर) भी है, जो युद्ध की स्थितियों से निपटने में मदद करेगा। यह देश में विभिन्न मार्शल आर्ट का एक मिला-जुला रूप है। जनरल पांडे ने कहा कि अग्निपथ स्कीम के तहत रिस्पांस अच्छा, उत्साहजनक मिला है। पहले बैच के अग्निवीरों का प्रशिक्षण शुरू किया गया है।