गंगा एक्सप्रेसवे के लिए पर्यावरण मंत्रालय से मिली मंजूरी, शीघ्र शुरू होगा निर्माण कार्य
गंगा एक्सप्रेसवे की कुल अनुमानित लागत 36230 करोड़
लखनऊ, 20 नवम्बर । उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन अथॉरिटी, उप्र के सदस्य सचिव द्वारा पर्यावरणीय मंजूरी शनिवार को जारी कर दी गई।
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना-2006 के अंतर्गत शेड्यूल में आच्छादित प्रोजेक्ट्स के निर्माण से पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसी अधिसूचना के तहत यूपीडा द्वारा गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए पर्यावरणीय मंजूरी ली गई है। गंगा एक्सप्रेसवे के लिए टेण्डर की प्रक्रिया पहले से ही गतिमान है टेण्डर की प्रक्रिया पूर्ण कर शीघ्र ही एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
इस एक्सप्रेसवे परियोजना की कुल अनुमानित लागत 36230 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के विकास हेतु पीपीपी (टॉल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेन्स, आपरेट एवं ट्रान्सफर (डीबीएफओटी) पद्वति पर निविदायें आमंत्रित की गई हैं।
594 किमी लम्बा होगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे 594 किमी लम्बा पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित होगा जोकि मेरठ-बुलन्दशहर मार्ग (एनएच-334) पर जनपद मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से प्रारम्भ होकर प्रयागराज बाइपास (एनएच-19) पर जनपद प्रयागराज के जुडापुर दांदू ग्राम के समीप समाप्त होगा।
बारह जनपदों से गुजरेगा गंगा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे 12 जनपदों-मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेसवे 06 लेन चौड़ा (08 लेन विस्तारणीय) होगा। इस एक्सप्रेसवे परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रगति में है, अब तक लगभग 94 प्रतिशत भूमि क्रय अथवा अधिग्रहित की जा चुकी है।
इस एक्सप्रेसवे परियोजना के अंतर्गत लगभग 140 नदी, धारा, नहर व नाला, शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 07 आरओबी, 17 इंटरचेंज, 14, मेजर ब्रिज, 126 माइनर ब्रिज, 28 फ्लाई ओवरी, 50 वीयूपी, 171 एलवीयूपी, 160 एसवीयूपी और 946 पुलियों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।
रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के निर्माण से रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। ऐसा अनुमान है कि इस एक्सप्रेसवे परियोजना के निर्माण के दौरान लगभग 12 हजार व्यक्तियों को अस्थायी रूप से नियोजित किया जाएगा, जबकि टोल प्लाजा के निर्माण से लगभग 100 व्यक्तियों को स्थायी आधार पर नियोजित किया जाएगा।