21 जनपदों में एक्टिव केस शून्य, अब तक सात करोड़, 41 लाख लोगों को लग चुका कोरोना का टीका
मुख्यमंत्री ने सतर्कता बनाये रखने व कोरोना प्राटोकाल पालन करने के दिए निर्देश
लखनऊ, 02 सितम्बर । प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। कोविड की ताजा स्थिति के मुताबिक प्रदेश के 21 जनपदों में एक्टिव केस शून्य हैं। जनपद अलीगढ़, अमेठी, अयोध्या, बागपत, बांदा, बस्ती, बिजनौर, चित्रकूट, देवरिया, फतेहपुर, गोंडा, हमीरपुर, हरदोई, ललितपुर, महोबा, मऊ, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, शामली, सुल्तानपुर में आज कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। इस सम्बंध में गुरुवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि कोरोना प्रोटोकाल के पालन पर पूरा ध्यान दिया जाए। इसके साथ ही कोविड टीका को लगाने पर विशेष ध्यान दिया जाय।
- प्रदेश में अब तक 07 करोड़ 41 लाख 60 हजार 528 कोरोना वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है। औसतन हर दिन ढाई लाख टेस्ट हो रहे हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 बनी हुई है और रिकवरी दर 98.7 फीसदी है। विगत 24 घंटे में हुई टेस्टिंग में 63 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि मात्र 12 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। वर्तमान में प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 258 है। यह अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी समस्या का कारक बन सकती है।
ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। अब तक 07 करोड़ 27 लाख 49 हजार 298 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। विगत 24 घंटे में 02 लाख 22 हजार 210 कोविड सैम्पल की जांच की गई और 36 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 16 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। अब तक 16 लाख 86 हजार 287 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। इस स्थिति को और बेहतर करने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान में बारिश के कारण गड्ढों व निचले स्थानों में जलभराव से बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है। कई क्षेत्रों में डेंगू के मरीज सामने आए हैं। मलेरिया के केस बढ़ सकते हैं। ऐसे में साफ-सफाई का बड़ा महत्व है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पूरे प्रदेश में वृहद अभियान चलाए जाने की जरूरत है। सभी जिलों के लिए एक-एक नोडल अधिकारी भेजा जाए। यह अधिकारी बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की भी मॉनीटरिंग करेंगे।
कोरोना के कारण असमय काल-कवलित हुए कार्मिकों के परिजनों के साथ शासन की पूरी सहानुभूति है। यद्यपि अधिकांश आश्रितों को सेवायोजित किया जा चुका है, फिर भी जो केस अभी लम्बित हैं, उन पर तत्काल निर्णय लें। इसमें कतई विलम्ब न हो।
राज्य सरकार बिजली बिल उपभोक्ताओं के हित का संरक्षण करने के लिए संकल्पित है। बावजूद इसके कई जिलों से बिजली बिल में ओवरबिलिंग और फाल्स बिलिंग की शिकायतें आई हैं। फाल्स बिलिंग और ओवर बिलिंग के एक भी केस न आए। तकनीक की मदद से इसका स्थायी समाधान निकाला जाए। किसी भी दशा में उपभोक्ताओं का उत्पीड़न न हो।