हिन्दू धर्म का नाम न लेने वाले आज विश्वकर्मा मंदिर बनवाने की कर रहे छद्म घोषणा : भाजपा
हिन्दू धर्म का नाम न लेने वाले आज विश्वकर्मा मंदिर बनवाने की कर रहे छद्म घोषणा : भाजपा
लखनऊ, 18 सितम्बर । चुनाव के समय हिन्दू मंदिर का नाम लेने से बचने वाले आज कहीं विश्वकर्मा मंदिर तो कहीं परशुराम मंदिर बनवा रहे हैं। यह एक राष्ट्रवादी विचारधारा की जीत है, जो तुष्टीकरण की राजनीति करने वालों को कृष्ण, परशुराम तथा भगवान विश्वकर्मा का मंदिर बनवाने की छद्म घोषणा करने के लिए विवश किया है। ये बातें भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने शनिवार को कही।
वह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा शुक्रवार को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर गोमती नदी के किनारे विश्वकर्मा मंदिर बनवाये जाने की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कही।
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को हिन्दू देवताओं की भी याद आ गयी, वरना चुनाव से सालों पहले सपा नेता मंदिरों का नाम लेने से बचने लगते थे। वे हमेशा इफ्तार पार्टी करना ही सत्ता में आने की गारंटी समझा करते थे। मंदिर जाना तो दूर, किसी एक वर्ग की तुष्टीकरण के लिए हमेशा किसी विशेष धर्म का नाम लेना ही सपा में पसंद किया जाता था।
भाजपा प्रवक्ता ने कहाकि क्या विश्वकर्मा मंदिर बनवाने की घोषणा करने वाले अखिलेश यादव कारसेवकों पर गोली चलवाने को लेकर माफी मांगेंगे। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से विशेष वार्ता में कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में सिर्फ विकास का ही काम नहीं हो रहा है। यहां संस्कृति व विचार के बदलाव का भी काम चल रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि कुछ लोग अपना जनेऊ दिखाकर ब्राह्मण होने का दावा करने लगे हैं तो कुछ महिला नेत्री अब माथे पर टीका लगाकर खुद को हिन्दू बताने लगी हैं।
उन्होंने सवाल किया कि यदि मैं हिन्दू हूं तो उसे बताने की क्या जरूरत है। हर धर्म अपने-आप में ठीक है। उसके विचार ठीक हैं लेकिन अपने धर्म में आस्था होनी चाहिए। आस्थावान कभी दूसरे धर्म का अनादर नहीं कर सकता। भाजपा हमेशा भारतीय संस्कृति की पोशक रही है। यहां लोग बंदे मातरम व राष्ट्रगान को गाने में शर्म महसूस नहीं करते। भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि सपा और कांग्रेस का चाल और चरित्र हमेशा समयानुसार बदलता रहा है। उनके पास अपनी कोई विचारधारा नहीं है।