मिशन शक्ति अभियान: स्वावलंबन बना महिलाओं की नई पहचान, समूह से जुड़ हो रहीं आत्मनिर्भर: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने 42 हजार स्वयं सहायता समूह को जारी किए रिवाल्विंग फंड और कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड से कुल 88.86 करोड़ रुपये
परिवार का सहारा बन रही स्वयं सहायता समूह की महिलाएं : योगी
आजीविका मिशन: स्वयं सहायता समूहों के जरिये 52 लाख परिवारों को जोड़ा
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन की दिशा में हुए उल्लेखनीय कार्य: ग्राम्य विकास मंत्री
लखनऊ, 30 जुलाई । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर ‘मिशन शक्ति अभियान’ के तहत 15 हजार रुपये प्रति समूह की दर से 40 हजार स्वयं सहायता समूहों तथा 1 लाख, 10 हजार रुपये प्रति समूह की दर से 2,606 स्वयं सहायता समूहों को कम्युनिटी इन्वेस्टमेन्ट फण्ड की कुल 88.66 करोड़ रुपये की धनराशि ऑनलाइन हस्तान्तरित की।
इसके अलावा अनुपूरक पुष्टाहार के उत्पादन एवं आपूर्ति के क्रम में जनपद फतेहपुर तथा जनपद उन्नाव के स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों को एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा चेक प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने में सहायक होगा। इससे महिलाएं अपने-अपने स्वरोजगार की स्थापना कर सकेंगी, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अनुपूरक पुष्टाहार के उत्पादन व आपूर्ति के सापेक्ष जनपद फतेहपुर की इकाई की महिलाओं को 45,59,915 रुपये तथा जनपद उन्नाव की इकाई की महिलाओं को 46,37,567 रुपये के चेक वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की लाभार्थियों से वर्चुअल संवाद भी किया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यूपी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ स्वावलंबी हो रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्वयं सहायता समूह से जुड़ी कानपुर की शालिनी देवी है, जिन्होंने समाज की धारणा बदलने का काम किया है। अभी परिवार चलाने की जिम्मेदारी पुरुषों की होती थी लेकिन शालिनी ने पंचायतीराज विभाग द्वारा निर्मित सामुदायिक शौचालय का संचालन कर न सिर्फ अपना परिवार को चला रही बल्कि अपने पति की आगे पढ़ाई में सहयोग कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं रोजगार से जुड़ेगी तो उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उत्पन्न हो। जब महिलाएं रोजगार से जुड़ेंगी तो परिवार के साथ उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप गांव की महिलाओं का समूह बनाकर जोड़ा गया। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं इनमें बीसी सखी, पुष्ट आहार वितरण, महिला सामुदायिक शौचालयों का संचालन समेत अन्य क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं। खासकर जब डेढ़ साल से पूरा विश्व व देश कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रहा था तो उस दौरान स्वयं सहायता समूहों ने अपनी उपस्थिति का आभास कराया। बड़े पैमाने पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मास्क व पीपीटी किट निर्माण कर अपनी आमदनी बढ़ाई। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए 52 लाख परिवारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ने का काम किया गया।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने का काम कर रही है। स्वयं सहायता समूह की 67 हजार महिलाओं ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के एक करोड़ से अधिक ड्रेस सिले गए। इससे प्रत्येक महिला को 6 हजार रुपए की आमदनी हुई। 63 हजार स्वयं सहायता समूह ने 1.47 करोड़ लाभार्थियों ड्राई राशन पहुंचाने का काम किया। 33654 सामुदायिक शौचालय का संचालन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। 705 से अधिक प्ररेणा कैंटीन का संचालन समूह की महिलाएं कर रही है। 29 लाख सोलर लैंप का निर्माण कर सात करोड़ की आमदनी समूहों ने की है। प्रदेश के 56800 ग्राम सभा में बीसी सखी काम कर रही है। ग्राम्य विकास मंत्री मोती सिंह ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की बदौलत ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं का गरीबी उन्नमूल हुआ और वह सशक्त हुई है।
इन महिलाओं की बदली तकदीर
बुलंदशहर की प्रीति देवी के पति 8 साल से बीमार है। परिवार चलाने की जिम्मेदारी जब उन पर पड़ी तो उन्होंने हार नहीं मानी। वह राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन के ज्योति श्रम स्वयं सहायता समूह से जुड़ गई। समूह से जुड़ कर उन्होंने गांव में राशन वितरण शुरू किया और दस महीने में 70 हजार रूपए की आमदनी हुई। प्रीति आज अपने परिवार का संबल बनी हुई है। महिला सशक्तिकरण एक उदाहरण बनारस की गीता देवी भी है। उनके पति और ससुर गुजरात की एक पावरलूम कंपनी में काम करते थे। राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन के सहयोग उन्होंने अपना पावरलूम स्थापित किया। गीता आज अपने तीन पावरलूम चला रही है। उनके पति व ससुर भी उनके साथ काम कर रहे हैं। यही नहीं गीता ने 60 अन्य महिलाओं के पावरलूम स्थपित करने में उनकी मदद की। मुजफ्फरनगर बबीता गांव के लोगों के बिजली बिल जमा करती है। बिल से मिलने वाले कमीशन से उनकी आमदनी बढ़ी है। झांसी की बलिनी मिल्क प्राडयूसर कंपनी से जुड़ बिन्नू राजा कंपनी को 4500 लीटर दूध बेचा है। इससे इनको 1 लाख 74 हजार रुपए की आमदनी हुई है।
ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं। महिलाएं आर्थिक व सामाजिक रूप से सशक्त हुई हैं। उनके द्वारा परिवार, समाज और नारी समाज का आर्थिक उन्नयन हुआ है। ग्रामीण परिवेश में गुणात्मक सुधार आया है।
कार्यक्रम के दौरान जनपद फतेहपुर व जनपद उन्नाव की पुष्टाहार इकाई के सम्बन्ध में एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यूनाइटेड नेशन-वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के कण्ट्री डायरेक्टर बिशों पाराजुले सहित महिला स्वयं सहायता समूहों की 50,000 सदस्य जुड़ी हुई थीं।
इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास वी हेकाली झिमोमी, उप्र ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक भानु चन्द्र गोस्वामी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।