उप्र में 25 करोड़ की लागत से खुलेगी 250 आयुष डिस्पेंसरी

उप्र में 25 करोड़ की लागत से खुलेगी 250 आयुष डिस्पेंसरी

उप्र में 25 करोड़ की लागत से खुलेगी 250 आयुष डिस्पेंसरी

लखनऊ, 01 जून। उत्तर प्रदेश में 25 करोड़ की लागत से लगभग 250 आयुष डिस्पेंसरी खुलेगी। इसकी संस्तुति केन्द्र सरकार से प्राप्त हो गई है। जल्द ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। यह जानकारी प्रदेश के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ ने दी। वह बुधवार को लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसाइटी के सभागार कक्ष में विभागीय अधिकारियों एवं डाक्टरों के साथ समीक्षा बैठक की।

आयुष मंत्री ने जनपदों में बन रहे 50 शैया वाले आयुष हास्पिटल के निर्माण की वर्तमान स्थिति के बारे में विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि 06 माह की कार्ययोजना के तहत प्रत्येक दशा में यह क्रियाशील हो जाना चाहिए। शेष (50 शैया वाले) अस्पतालों का निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करें।

दयाशंकर मिश्रा ने कहा कि निर्माणाधीन अस्पतालों में लोगों की मूलभूत सभी आवश्यकताएं उपलब्ध हों तथा सभी उपकरण क्रियाशील रहें। उन्होंने कहा कि मरीजों एवं उनके तीमारदारों को पीने का शुद्ध पानी, वेटिंग हालों में पंखे, कुर्सियां लगी होनी चाहिए एवं साफ-सुथरी व्यवस्था होनी चाहिए। शौचालय की व्यवस्था उत्तम एवं अस्पताल परिसर में साफ-सफाई नियमित होनी चाहिए। लापरवाही पाये जाने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने शुभारम्भ किये गये अस्पतालों की स्टेट्स रिपोर्ट भी मंगवायी है।

दयालु ने हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर्स, योग एवं वेलनेस सेन्टर के संचालन की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इन सेंटर पर लोगों को सभी बेसिक चिकित्सकीय सुविधायें मुहैया करायी जानी है। शेष सेंटरों को जल्द क्रियाशील करें।

आयुष मंत्री ने आयुष चिकित्सालयों के उच्चीकरण के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गोरखपुर एवं भदोही में बने चिकित्सालय का उच्चीकरण शीघ्र किया जाय। साथ ही आयुष महाविद्यालयों का उच्चीकरण एवं जहां पर छात्र-छात्राओं के रहने के लिए हास्टल नहीं है वहां हास्टल बनाये जाने के निर्देश मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को दिये।

आयुष मंत्री ने कहा कि आयुष कवच ऐप को और अधिक क्रियाशील बनाये। लगभग 2.6 मिलिसल यूजर्स इस ऐप का उपयोग कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। लोगों का विश्वास इस ऐप पर ज्यादा है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम द्वारा इस ऐप पर विभिन्न रोगों से संबंधित लाइव सेशन चलायें।

आयुष विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आशा/एएनएम को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये कार्यकर्ता आयुष दवाओं एवं उपचारों को घर-घर तक पहुंचाएंगी। आशा/एएनएम कार्यकर्ता लोगों को आयुष विभाग द्वारा निर्मित दवाओं एवं औषधियों से ही घेरलू रोगों को ठीक होने के गुण सिखाने का भी कार्य करेंगी।